हिमशिखर धर्म डेस्क
बुरी आदतें समय रहते न छोड़ी जाएं तो हमारा जीवन बर्बाद हो सकता है। जिस तरह एक छोटा सा छेद कमंडल को पानी में डूबो देता है, ठीक उसी तरह एक छोटी सी बुराई हमारे पतन का कारण बन सकती है। महावीर स्वामी ने अपने शिष्यों को बुराइयों से बचने का तरीका बताया था।
एक दिन कुछ शिष्यों ने महावीर स्वामी से पूछा कि किसी भी व्यक्ति का पतन किस वजह से हो सकता है? कृपया आप बताइए इसके प्रमुख कारण क्या हैं?
महावीर स्वामी ने शिष्यों की बातें बहुत ध्यान से सुनीं। उन्होंने कहा कि इंसान के पतन का मुख्य कारण उसकी बुराइयां यानी बुरी आदतें हैं।
स्वामी जी ने अपनी बात समझाने के लिए अपना कमंडल शिष्यों को दिया और कहा कि इसे पानी में फेंक दो।
शिष्यों ने कमंडल को पानी में फेंक दिया। वह तैर रहा था, पानी में डूबा नहीं।
इसके बाद स्वामी जी बोले कि अब आप सभी बताइए अगर इस कमंडल में एक छोटा छेद कर दिया जाए तो क्या होगा?
शिष्यों ने जवाब दिया कि छेद करने के बाद ये कमंडल पानी में डूब जाएगा।
स्वामी जी बोले कि आप सभी ने बिल्कुल सही कहा ये कमंडल छेद की वजह से पानी में डूब जाएगा। ठीक यही बात हम पर भी लागू होती है। किसी इंसान का पतन होने के लिए बुराई रूपी एक छेद ही काफी है। हमें लालच, गुस्सा, नशा, कामवासना जैसी बुराइयों से बचना चाहिए। अगर इनमें से कोई एक बुराई भी होगी तो हमारा जीवन बर्बाद हो जाएगा। इन बुराइयों से बचने के लिए हमें धर्म के अनुसार काम करना चाहिए। धैर्य रखें। अपनी चीजों से संतुष्ट रहें। किसी भी महिला को बुरी नजर से न देखें। ध्यान करें। नकारात्ममक विचारों से बचें।
जीवन प्रबंधन
महावीर स्वामी जी ने इस किस्से में हमें संदेश दिया है कि हमें सकारात्मकता के साथ रहना चाहिए और बुराइयों से बचना चाहिए। लालच न करें, दूसरों के धन पर बुरी नजर न रखें। छोटी-छोटी बातों पर घर-परिवार में गुस्सा न करें। नशा और कामवासना जैसी बुराइयों को तो तुरंत छोड़ना ही सबसे बेहतर है। किसी व्यक्ति में कई गुण हैं, लेकिन इनमें से कोई एक भी बुराई होगी तो उसका पतन हो सकता है।