हिमशिखर खबर ब्यूरो
शांति चाहिए तो जीवन के क्रम को पलटना होगा। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हर कोई सफल होना चाहता है और इसीलिए जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। कई लोग कामयाब हो भी जाते हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सच्ची सफलता वही है जिसके साथ शांति भी हो। शांति के साथ सफलता कैसे प्राप्त की जाए, इसका महामंत्र है श्री हनुमान चालीसा की चौपाइयां जिनके एक-एक शब्द में कामयाबी के सूत्र छिपे हुए हैं। बस, हमें जरूरत है हनुमान चालीसा को जीवन में उतारकर उन सूत्रों को पकड़ने की।
अभी हम लोग जीवन का जो क्रम अपना रहे हैं, वह है – सबसे पहले प्रोफेशनल लाइफ, फिर सोशल, उसके बाद फैमिली और सबसे आखरी में महत्व देते हैं हमारे निजी जीवन यानी पर्सनल लाइफ को। शांति की तलाश हो तो हमें थोड़ा इस क्रम को पलटकर इस प्रकार करना होगा – सबसे पहले पर्सनल लाइफ, उसके बाद फैमिली लाइफ, फिर सोशल और उसके बाद हमारा फोकस होना चाहिए प्रोफेशनल लाइफ पर।
चौपाइयों में कामयाबी की व्याख्या
श्री हनुमान चालीसा की दस-दस चौपाइयों को इन्हीं चार प्रकार के जीवन से जोड़ते हुए कामयाबी के सूत्रों की गहरी व्याख्या की गई। कहा हर प्रकार के जीवन में सफलता एक-दूसरे पर निर्भर करती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण काम करता है योग। ध्यान-योग के माध्यम से निजी जीवन में जो दिव्यता उतरेगी उसी से पारिवारिक जीवन तृप्त होगा। पारिवारिक जीवन में तृप्त होंगेतो समाज के प्रति समर्पित हो पाएंगे और इन सबका मिला-जुला परिणाम होगा व्यावसायिक जीवन में सफलता के साथ शांत भी रह पाएंगे।
संसार के सबसे बड़े गुरु हैं हनुमानजी
हर व्यक्ति सफल होना चाहता है और हर सफलता के पीछे प्रमुख रूप से हाथ होता है गुरू और उनके लिए गए मंत्र का। वे लोग बड़े सौभाग्यशाली होते हैं जिनके जीवन में कोई योग्य गुरु आ जाएं। लेकिन आज सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि गुरु बनाएं किसे? जिसे भी गुरु की तलाश हो हनुमानजी को गुरु और हनुमान चालीसा को मंत्र बना लीजिए। संसार में हनुमानजी से बढ़कर कोई गुरू नहीं हो सकता ऐसे ही हनुमान चालीसा की एक-एक पंक्ति, एक-एक शब्द दिव्य है। जब ये चौपाइयां मंत्र रूप में जीवन से जुड़ेंगी तो सफलता के साथ शांति का मार्ग अपने आप आसान होता जाएगा।
आज हमारी अशांति का एक बड़ा कारण है परिवारों का टूटना बिखरना। हमें हर हाल में परिवारों को टूटने से बचाना होगा और यहां काम आएंगे हनुमानजी। हमारे हनुमानजी परिवार के देवता हैं। उनका पूरा जीवन-चरित्र परिवार, प्रेम, समर्पण और सफलता के साथ शांति का प्रतीक है। गुरू रूप में हनुमानजी जिसके जीवन से जुड़ जाएं, उसके चारों प्रकार के जीवन (निजी, पारिवारिक, सामाजिक और व्यावसायिक) सुख-शांति व आनंद से भर जाते हैं।