मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा का दिन होता है। कहते हैं कि नवरात्रि में जो इंसान पूरे विधि-विधान से श्रद्धा के साथ माता के साथ हनुमान जी की आराधना करता है, उसके दुख मां दूर कर देती है। मां दुर्गा और हनुमान जी का पूजन श्रद्धापूर्वक करने से भौतिक एवं आध्यात्मिक कामनाएं पूरी होने लगती है।
हिमशिखर धर्म डेस्क
हिंदू सनातन धर्म के धर्मशास्त्रों में उपासना की विशेष विधियां बताई गई हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के उपासक प्रत्येक दिन शक्ति की अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं, लेकिन ऐसा माना जाता है कि अष्टसिद्ध नव निधि के दाता हनुमान जी और काल भैरव का पूजा के बिना वो फल नहीं मिल पाता। ऐसे में अगर मां दुर्गा के साथ हनुमान जी की पूजा की जाए तो भगवती के साथ बजरंबली का आशीर्वाद भी मिलेगा और आपको प्रार्थना का दोगुना फल प्राप्त होगा।
हमेशा मां दुर्गा के साथ होते हैं हनुमान जी
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के साथ अष्टसिद्धि के दाता संकटमोचन श्री हनुमान जी की पूजा करने से हनुमान जी का विशेष आशीर्वाद मिलता है। धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान भैरव और हनुमान जी हमेशा मां दुर्गा के साथ रहते हैं। ऐसे में उनकी पूजा भगवती के साथ जरूरी है।
मंगलवार को हुआ था हनुमान जी का जन्म
श्रीरामचरित मानस के मुताबिक हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था। इस कारण हर मंगलवार हनुमान जी की भक्ति-आराधना करने की परंपरा है। देवी दुर्गा के साथ ही हनुमान जी की भी पूजा की जाती है तो माता की कृपा जल्दी मिलती है।
मंगलवार को हनुमान जी का श्रृंगार सिंदूर और चमेली के तेल से करें। हार-फूल चढ़ाएं। जनेऊ अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। आप चाहें तो राम नाम का जप भी कर सकते हैं।
मंगलवार का स्वामी ग्रह है मंगल
ज्योतिष में नौ ग्रह बताए गए हैं और इन नौ ग्रहों में मंगल ग्रहों का सेनापति है। मंगल ग्रह भूमि पुत्र हैं और इनका जन्म स्थान उज्जैन में है। मंगल देव का स्वरूप लाल है, इस वजह से शिवलिंग पर लाल फूल, लाल गुलाल, लाल कपड़ा अर्पित करें। ऊँ भौमाय नम: मंत्र का जप करें।