सुप्रभातम्: बच्चों के विकास पर पड़ता है पारिवारिक परिवेश का असर

पं विजय शंकर मेहता

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तकनीकी के इस दौर में आने वाले वक्त में कुछ चीजें बहुत तेजी से बदलकर नया रूप लेंगी। हमारे बच्चे इसी बदलाव से गुजरेंगे। ये बदलाव होंगे स्कोप, परफेक्शन, आयाम, रफ्तार, अशांति और सिंगल यूनिट फैमिली। ये छह बातें हमारी जिंदगी में नए ढंग से उतरने वाली हैं। इसलिए बच्चों के लालन-पालन में इनकी भी तैयारी रखिए, क्योंकि बच्चे इन्हें जीएंगे। ये बातें उनकी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएंगी।

अब घर और बाहर की दुनिया में व्यवहार को लेकर विशेष सावधानी रखना पड़ेगी। जब हम कामकाज की जगह होते हैं तो पहले लोगों को सुधारते हैं, फिर उन्हें स्वीकारते हैं। लेकिन घर में उल्टा होता है। यहां पहले स्वीकारते हैं, फिर सुधारते हैं। घरों में रिश्तेदारी में एक्सचेंज ऑफर नहीं चलता। ऊपर वाले ने जिंदगी में जो रिश्ता उतारा है, वह ताउम्र चलेगा। इसलिए थोड़ा सावधान हो जाएं।

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माता-पिता के बीच यदि कुछ तनाव चल रहा है तो बच्चे उसकी कीमत जरूर चुकाएंगे। अब बच्चों के लालन-पालन में केवल उनकी पढ़ाई, भोजन, कपड़े तक ही ध्यान न दिया जाए। ये जो छह बातें उनकी जिंदगी में उतरेंगी, इनकी तैयारी अपने ढंग से होना चाहिए। केवल अशांति और सिंगल यूनिट फैमिली की ही बात लें तो इसके लिए बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करें, वरना ये दो ऐसे विस्फोट होंगे कि बची चार बातें भी इसमें उड़ जाएंगी।

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