सुप्रभातम् : “सबसे जहरीला कौन है”?

Uttarakhand

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में एक कहानी याद आ रही है। सम्भवतः आज के दौर में मनन करने योग्य है-

हर्षमणि बहुगुणा

प्राचीन काल में एक दयालु और न्याय प्रिय राजा राज करते थे। उनका मुख्य सलाहकार जब वृद्ध हो गया तो नये सलाहकार की तलाश की गई। विज्ञप्ति निकाली गई, साक्षात्कार के दिन बहुत से प्रतिभावान भागीदार उपस्थित हुए। साक्षात्कार में यही प्रश्न पूछा गया कि “सबसे जहरीला कौन है”? सबके उत्तर अपनी अपनी विचारधारा के अनुरूप थे।

आखिर वहां अब एक नव युवक खड़ा था, उसकी तरफ किसी का ध्यान भी नहीं था। लेकिन वह भी तो नौकरी की तलाश में आया था अब उसकी बारी भी थी। जब उसका उत्तर सुना तो सभी अभ्यर्थियों ने उसकी तारीफ की व उसे मुख्य सलाहकार नियुक्त करने की सिफारिश महाराज से की।

उसका जवाब था कि मेरी दृष्टि में सबसे अधिक जहरीला एक नहीं दो व्यक्ति होते हैं। एक निन्दक व दूसरा चाटुकार। महाराज ! निन्दक के हृदय में निन्दा द्वेष रूपी जहर भरा रहता है, वह निन्दा करके बाद में ऐसा काटता है कि मनुष्य तिलमिला उठता है। दूसरा जहरीला चाटुकार होता है जो अपनी वाणी में मीठा विष भरकर ऐसी चापलूसी करता है कि मानव अपने दुर्गुणों को गुण समझ कर अहंकार के नशे में चूर हो जाता है।

चापलूस की बातें चापलूसी पसंद व्यक्ति के विवेक को जड़ मूल से ही नष्ट-भ्रष्ट कर देती है। महाराज ऐसे बहुत से उदाहरण हैं कि निन्दक व चापलूस ने व्यक्ति को इस प्रकार काटा कि वे समूल नष्ट हो गये। इस प्रकार वृद्ध सलाहकार ने राजा को एक समझदार सलाहकार दिया।

आज भी यदि हम सही मार्गदर्शक के अनुरूप चलेंगे तो हमारे हित के साथ समाज का हित भी सुनिश्चित है। जरूरत है तो सच्चे सलाहकार की। समाज में निन्दकों व चापलूसों की कमी नहीं है। वह निन्दक अच्छा लगता है जो सामने निन्दा करे, क्योंकि ऐसी निन्दा व्यक्ति में सुधार लाती है। आज कल कई जगहों पर कौन अपना, कौन पराया यह अच्छी तरह समझाया जा रहा है पर चापलूस तो चापलूस ही होता है।

तभी तो याद रखना आवश्यक है कि-
निन्दक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय।
बिन साबुन पानी बिना निर्मल होय सुभाय ।।
“अच्छे लगते हैं निन्दक जब वे दूसरे की निन्दा करते हैं, अच्छे लगते हैं चापलूस जब वे हमारी झूठी प्रशंसा करते हैं, पर होते बहुत दुष्ट हैं। व्यक्ति को जड़ मूल सहित नष्ट कर देते हैं, अतः सावधान रहिए, न जाने आपकी प्रशंसा में उनका क्या-क्या उद्देश्य है।

एक बार फिर सावधान रहने की सलाह के साथ-मंगलमय भविष्य की शुभकामनाएँ

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