स्वामी रामतीर्थ मिशन : हनुमत्कथा पूर्णाहुति के बाद सम्मेलन शुरू

ओउम् प्रकाश शर्मा

Uttarakhand

नई दिल्ली

अपने पूर्व निश्चित कार्यक्रम के अनुसार स्वामी रामतीर्थ मिशन नई दिल्ली का वार्षिकोत्सव-वेदान्त सम्मेलन आज प्रारंभ हुआ। विदित हो कि इसकी भूमिका के रूप में हनुमत्कथा का आयोजन 9 नवम्बर 2021 से मेन बाजार, रानीबाग दिल्ली स्थित गोविन्दधाम, मिशन की शाखा, में किया गया। इसमें आचार्य काका हरिओम् जी ने हनुमान जी की लीलाओं से संबंधित विभिन्न पक्षों का व्यावहारिक और आध्यात्मिक विवेचन किया।

काका जी का कहना था- लीला को सामान्य बुद्धि से यदि कोई देखने का प्रयास करता है, तो निश्चित रूप से वह उलझ जाएगा। लीला को श्रद्धा और सात्विक बुद्धि के समन्वय से ही समझा जा सकता है। असीम यदि चाहे, तो स्वयं को सीमाओं से बांध ले, कोई दूसरा यह नहीं कर सकता है।

आज शनिवार को प्रणव अंकित ध्वजा फहराकर सम्मेलन की शुरुआत हुई। रामप्रेमियों ने सामूहिक रूप से सुंदरकांड का पाठ किया। इसके बाद काका हरिओम् जी ने सुन्दरकाण्ड के सौंदर्य की चर्चा करते हुए कहा कि स्वामी राम के व्यावहारिक वेदान्त के सूत्र इसमें छिपे हुए हैं। उन्हें जान-समझ कर कोई भी जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। स्वामी राम ने सीता को आत्मा कहा है। इस प्रकार सीता की खोज मानो आत्मा की खोज की ही कथा है।

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