92 की हुईं स्वर कोकिला:13 साल की उम्र में लता मंगेशकर के सिर से उठ गया था पिता का साया, बेहद संघर्ष भरा रहा ”स्वर कोकिला” का बचपन

नई दिल्ली

Uttarakhand

अपनी सुरीली आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाली सिंगर लता मंगेशकर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। मशहूर सिंगर लता आज पूरे 92 वर्ष की हो गई हैं। ऐसे में आज दिग्गज के खास मौके पर जानते हैं, उनकी लाइफ से जुड़ी खास बातें…


‘स्वर कोकिला’ भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर का आज 92वां जन्मदिन है। हिन्दी सिनेमा में उनका जो स्थान हैं वहां पहुंचना तो दूर उसे छूना भी हर किसी के बस की बात नहीं है।

28 सिंतबर 1929 को इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर ने 5 साल की उम्र में ही पिता के साथ नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया था। इसके साथ ही लता संगीत की शिक्षा अपने पिता से लेने लगी। लता ने वर्ष 1942 में फिल्म किटी हसाल के लिए अपना पहला गाना गाया लेकिन उनके पिता को लता का फिल्मों के लिये गाना पसंद नहीं आया और उन्होंने उस फिल्म से लता के गाए गीत को हटवा दिया था।

साल 1942 में 13 वर्ष की छोटी उम्र में ही लता के सिर से पिता का साया में उठ गया और परिवार की जिम्मेदारी उनके उपर आ गई थी। इसके बाद उनका पूरा परिवार पुणे से मुंबई आ गया था। लता को फिल्मों में काम करना जरा भी पसंद नहीं था, बावजूद इसके परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी को उठाते हुए उन्होंने फिल्मो में अभिनय करना शुरू कर दिया।

लता इतनी बड़ी गायिका यूं ही नहीं बनी हैं।  वे अपनी गायकी को निखारने के लिए पूरे-पूरे दिन गाने का अभ्यास करती थीं। लता ने जब गाना शुरू किया था, तब आज की तरह उन्नत तकनीक मौजूद नहीं थी। गाने में जो भी इफेक्ट पैदा करने होते थे, वह गायक और रिकॉर्डिंग के तरीके पर निर्भर करता था। लता का मशहूर गाना ‘आएगा आने वाला’ सुनकर ऐसा लगता है कि इसमें किसी तकनीक के सहारे साउंड में उतार-चढ़ाव पैदा किया गया है, पर जब यह गाना रिकॉर्ड हुआ था, तब साउंड रिकॉर्डिंग और मिक्सिंग की तकनीक विकसित नहीं हुई थी।

तब गानों में इफेक्ट पैदा करने के लिए अलग तरह से रिकॉर्डिंग की जाती थी। अगर आपने यह गाना सुना होगा, तो शुरू में दूर से आवाज आती हुई लगती है, फिर कुछ पंक्तियों के बाद आवाज पास से आती हुई लगती है। उस समय इस तरह के इफेक्ट पैदा करने के लिए गायक को बहुत स्वर साधना करनी पड़ती थी और लता ऐसा करने में माहिर थीं। वे बहुत मेहनत करती थीं।


मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में जन्मीं लता ने अपनी जादुई आवाज के जरिये 36 भाषाओं में 50 हजार से भी ज्यादा गीत गाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करा चुकी हैं। सर्वाधिक गाने रिकॉर्ड करने का कीर्तिमान ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में 1974 से 1991 तक हर साल अपने नाम दर्ज कराती रहीं।

बता दें, लता मंगेशकर को उनके सिने करियर में चार बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। लता को उनके गाए गीत के लिए साल  1972 में फिल्म परिचय साल 1975 में कोरा कागज और साल 1990 में फिल्म लेकिन के लिए नेशनल अवार्ड से सम्मानित की गई। इसके अलावा लता मंगेश्कर को पदमभूषण, दादा साहब फाल्के सम्मान, पदमविभूषण और  भारत रत्न जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *