नई टिहरी
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य हेतु नियुक्त स्टेट रिसोर्स पर्सन (आईएएस) राजीव रौतेला की अध्यक्षता में कॉम्पिटिशन लॉ व पब्लिक प्रोक्योरमेंट पर एडवोकेसी कार्यशाला विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई।
कार्यशाला में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के दायित्वों के बारे मे जानकारी देते हुए रौतेला ने बताया कि प्रतिस्पर्धा यह सुनिश्चित करने हेतु श्रेष्ठ साधन है कि आम आदमी की पहुंच अत्यधिक प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर व्यापक श्रेणी में वस्तुओं एवं सेवाओं तक हो। बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा से उत्पादकों को नव परिवर्तन लाने एवं विशेष अघ्ययन करने में अधिकतम प्रोत्साहन मिलेगा। इसके परिणाम स्वरूप लागत में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को रुचि के व्यापक विकल्प मिलेंगे। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा का होना अनिवार्य है। हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था में उचित प्रतिस्पर्धा का सृजन करना और उसको सतत् रूप से बनाए रखना है जो उत्पादकों (विनिर्माताओं) को एक ”स्तरीय कार्य क्षेत्र” मुहैया कराएगा तथा बाजारों को उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए कार्यशील बनाएगा। उन्होंने निर्माणदायी संस्थाओं के अधिकारियों को उत्तराखण्ड प्रोक्योरमेंट नियमावली भलीभांति अध्ययन करते हुए टेंडर इत्यादि की प्रक्रिया सम्पन्न कराने बात कही। कहा कि टेंडर प्रक्रिया व अन्य विभागीय खरीदारी में प्रतिस्पर्धा नियमो की अनदेखी करना किसी भी विभाग अथवा संस्था के लिए अनुचित होगा। उन्होंने कहा कि आमजन के पैसा टैक्स के माध्यम से सरकार के पास आता है जिससे किसी भी राज्य के बजट का निर्धारण होता है। उसी बजट से विकास कार्य सम्पन्न होते है इसलिए किसी भी योजना/कार्य की प्लानिंग और उसके संपादन की प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा नियमों की अनदेखी न होने पाए। स्पष्ट किया कि प्रतिस्पर्धा नियमों की अनदेखी से संबंधित यदि आयोग को कोई शिकायत प्राप्त होती है तो आयोग उस पर जांच कर आर्थिक दंड निर्धारित करता है।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी नमामि बंसल, परियोजना निदेशक डीआरडीए प्रकाश रावत, मुख्य कृषि अधिकारी अभिलाषा भट्ट, ईई लघु सिंचाई, बृजेश कुमार गुप्ता ईई पेयजल निगम चम्बा केएन सेमवाल, ऐडी डेयरी प्रेम लाल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।