उत्तराखंड में विधानसभा चु्नाव की उल्टी गिनती शुरू हो जाने के बाद भी टिहरी विधानसभा की सीट पर भाजपा व कांग्रेस की तरफ से अपने चुनावी पत्ते नहीं खोले गए हैं। इसके चलते ही चुनाव में किस पार्टी से कौन प्रत्याशी मैदान में होगा, इसे लेकर प्रत्याशियों के साथ ही समर्थकों में भी उहापोह की स्थिति कायम है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पिछले कई दिनों से टिहरी विधानसभा से दूर दिल्ली में वेट एंड वाच की मुद्रा में हैं। माना जा रहा है कि किशोर कांग्रेस में उन्हें लेकर उपजे अविश्वास को खत्म कर नए सिरे से सक्रिय होने या दूसरे दल का दामन थामने को लेकर मंथन कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस पूरे मामले पर किशोर ने पूरी तरह से खामोशी ओढ़ रखी है। माना जा रहा है इसी कारण भाजपा और कांग्रेस की सीट फंंसी हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि किशोर एक- दो दिन में अपने पत्ते खोल सकते हैं।
नई टिहरी।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए अब चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो चुकी है और मोहरों को उनकी जगह पर सेट करने की कवायद भी जारी है। इस चुनावी चौसर में सभी दलों में अब हलचल तेज हो गई है, चुनावी दल जहां सारथी की तलाशने की अंतिम प्रक्रिया में पहुँच गए हैं तो वहीं कई पार्टी के नेता हानि-लाभ को लेकर नए सियासी ठिकाने देख रहे हैं। साथ ही पार्टियां भी इस बात का गुणा-भाग लगा रहीं हैं कि किससे कितना नफा और नुकसान हो सकता है। वहीं, इस बीच सियासी पहेली बने पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय का मामला कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली लिस्ट आने के बाद और अधिक उलझता नजर आ रहा है। दरअसल, कांग्रेस ने किशोर की परंपरागत सीट टिहरी को अभी खाली रखा है। इससे पहले भाजपा ने भी इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। इसके चलते ही चुनाव में किस पार्टी से कौन प्रत्याशी मैदान में होगा, इसे लेकर प्रत्याशियों के साथ ही पार्टी समर्थकों में भी उहापोह की स्थिति कायम है।
इस चुनावी मौसम में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अपनी टिहरी विधानसभा से दूर दिल्ली में हैं। टिहरी सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कांग्रेस के दावेदार हैं। लेकिन पिछले दिनों भाजपा से मेलजोल के चलते कांग्रेस हाईकमान उन पर गाज गिरा चुका है। इस बीच किशोर के भाजपा में जाने को लेकर चर्चाएं तैर रही हैं। किशोर के कारण टिहरी हॉट सीट बन गई है। माना जा रहा है इसी कारण भाजपा और कांग्रेस की सीट फंंसी हुई है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अपनी ही पार्टी के कुछ अपने ही लोगों द्वारा खास तवज्जो नहीं मिलने के कारण नाराज चल रहे हैं। टिहरी के कुछ लोगों का मानना है कि किशोर कांग्रेस से ही चुनाव लड़ेंगे तो वहीं दूसरी ओर उनके भाजपा में जाने को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं। अब देखना यह होगा कि क्या किशोर की नाराजगी दूर हो जाएगी और वह कांग्रेस का हाथ ही थामे रहेंगे या फिर भाजपा ज्वाइन करेंगे? देखने की बात यह है कि किशोर कब इस मामले से पर्दा उठाऐंगे। इस मामले पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपना बयान देंगे।