टिहरी: तिरंगा लेकर बालीपास के लिए चल पड़ा हितम का दल, स्वामी रामतीर्थ एक ही दिन में पार कर चुके हैं इसको

हिमशिखर ब्यूरो

Uttarakhand

नई टिहरी। हिमालयन ट्रेकर्स एंड माउंटेंनर्स (हितम) का 7 सदस्यों का दल धूमधार कांडी – बालीपास ट्रैक के लिए आज नई टिहरी से रवाना हुआ। इस ट्रैक को स्वामी रामतीर्थ ने छायापथ नाम दिया था।

भारतीय पर्वतारोहण संस्थान (आई एम एफ) ने हिमालय क्षेत्र के प्रमुख ट्रेकिंग व माउंटेनियरिंग ग्रुप “हितम” को धूमधार कांडी – बाली पास ट्रैक का अनुमोदन किया है। हितम का यह ग्रुप पश्चिम से पूरब की ओर ट्रेकिंग के लिए निकलेगा। गंगोत्री घाटी में झाला से शुरू होकर यमुनोत्री घाटी में यमुनोत्री तक यह ट्रैक है।

स्वामी रामतीर्थ के संस्मरण में इसका का उल्लेख है, जो उन्होंने 1901 – 1904 के दौरान पश्चिम से पूरब अर्थात यमुनोत्री से गंगोत्री की ओर अकेले पार किया था। इसे उन्होंने छायापथ नाम दिया था। शायद इस कारण कि इस पर प्राय धूप नहीं पड़ती है। किंबदंती यह भी है कि स्वामी रामतीर्थ ने एक ही दिन में यह ट्रैक पैदल पार किया था जो कि करीब 100 किलोमीटर लंबा है।

हितम ट्रैकिंग दल में ग्रुप लीडर शिव सिंह नेगी, अनुराग पंत, प्रमोद काला, रवि कादियान, राजेंद्र सिंह रावत, अंशुल डोभाल और सूरत सिंह राणा शामिल हैं।

ट्रैकिंग दल्ले जो रूट जारी किया है, उसमें झाला से क्यारकोटी, क्यारकोटी से गुंटू नाला बुग्याल, बुग्याल से धूमधाम पास, आगे कालानाग आधार, फिर रुइंसाल ताल, आगे बाली पास, दामिनी और यमुनोत्री।

आज प्रातः डॉक्टर कुलभूषण त्यागी ने झंडी दिखाकर और राष्ट्रीय ध्वज और हितम का ध्वज ग्रुप लीडर को सौंप कर ट्रैकिंग दल को रवाना किया। ट्रैकिंग दल छाया पथ का पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय दृष्टि से अध्ययन भी करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *