पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज वैशाख महीने की एकादशी है। इस एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक वैशाख महीने के इन पांच दिनों को ग्रंथों में बेहद खास बताया गया है।
वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को समुद्र मंथन से अमृत प्रकट हुआ था। द्वादशी को भगवान विष्णु ने उसकी रक्षा की। त्रयोदशी को भगवान ने देवताओं को अमृत पिलाया। इसके बाद चतुर्दशी को राक्षसों को मारा और पूर्णिमा के दिन सभी देवताओं को उनका साम्राज्य मिल गया, इसलिए देवताओं ने संतुष्ट होकर वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की आखिरी तीन तिथियों को वरदान दिया।
इनमें भी वैशाख के आखिरी तीन दिनों को बहुत ही पवित्र और शुभ माना गया हैं। जो कि इस बार 10, 11 और 12 मई है। इन दिनों में स्नान-दान, व्रत और पूजा करने से पूरे वैशाख मास में किए गए शुभ कामों का पुण्य मिलता है।
स्कन्द पुराण के वैष्णव खण्ड के अनुसार वैशाख मास की आखिरी तीन तिथियां अक्षय पुण्य देने और हर तरह के पाप खत्म करने वाली होती हैं। इसलिए इन्हें पुष्करिणी कहा गया है। इनमें शनिवार को त्रयोदशी, रविवार को चतुर्दशी और सोमवार को पूर्णिमा रहेगी।
भगवान के तीन अवतार हुए इसलिए खास हैं ये दिन ग्रंथो के अनुसार इन तीन दिनों में भगवान विष्णु के तीन अवतार अवतरित हुए हैं। त्रयोदशी को नृसिंह जयंती, चतुर्दशी को कूर्म जयंती तथा पूर्णिमा को बुद्ध जयंती (बुद्ध पूर्णिमा)। इसलिए वैशाख के अंतिम दिनों में स्नान, दान, पूजन जरूर करना चाहिए।
देवताओं ने कहा कि वैशाख की ये तीन शुभ तिथियां इंसानों के पाप का नाश करने वाली रहेंगी। इनके शुभ प्रभाव से ही उन्हें पुत्र-पौत्र और परिवार का सुख मिलेगा। इन्हीं के प्रभाव से समृद्धि बढ़ेगी। स्कंद पुराण में कहा गया है कि जो पूरे वैशाख में सुबह जल्दी तीर्थ स्नान न कर सका हो, वो सिर्फ इन तिथियों में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदियों के जल से नहा ले तो उसे पूरे महीने का पुण्य फल मिल जाता है।
क्या करें इन दिनों में…
वैशाख मास की आखिरी तीन तिथियों में गीता पाठ करने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। इन तीनों दिनों में श्रीविष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से कभी न खत्म होने वाला अनंत गुना पुण्य फल मिलता है। वैशाख पूर्णिमा को हजार नामों से भगवान विष्णु का दूध और जल से अभिषेक करता है उसे बैकुण्ठ धाम मिलता है। वैशाख के आखिरी तीन दिनों में श्रीमद् भागवत सुनने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
करण
- विष्टि – May 07 11:22 PM – May 08 12:29 PM
- बव – May 08 12:29 PM – May 09 01:41 AM
- बालव – May 09 01:41 AM – May 09 02:56 PM
योग
- हर्षण – May 08 01:04 AM – May 09 01:56 AM
- वज्र – May 09 01:56 AM – May 10 02:57 AM
वार
- गुरुवार
त्यौहार और व्रत
- मोहिनी एकादशी
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 5:53 AM
- सूर्यास्त – 6:53 PM
- चन्द्रोदय – May 08 3:27 PM
- चन्द्रास्त – May 09 3:37 AM
अशुभ काल
- राहू – 2:00 PM – 3:38 PM
- यम गण्ड – 5:53 AM – 7:30 AM
- कुलिक – 9:08 AM – 10:45 AM
- दुर्मुहूर्त – 10:13 AM – 11:05 AM, 03:25 PM – 04:17 PM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – 11:57 AM – 12:49 PM
- अमृत काल – 01:03 PM – 02:50 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:16 AM – 05:04 AM
आनन्दादि योग
- मातंग Upto – 09:06 PM
- राक्षस
सूर्या राशि
- सूर्य मेष राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा कन्या राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
- अमांत – बैशाख
- पूर्णिमांत – बैशाख
- शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – बैशाख 18, 1947
- वैदिक ऋतु – वसंत
- द्रिक ऋतु – ग्रीष्म