हिमशिखर खबर ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड पूर्व विधायक संगठन ने आयोग, सार्वजनिक निगम और प्राधिकरणों में रिटायर अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति की प्रथा बंद करने की मांग की है। ऐसे पदों पर लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत पूर्व जनप्रतिनिधियों को नियुक्त करने की मांग की गई। इसके साथ उत्तराखंड में हिमाचल की तर्ज पर सख्त भू-कानून, स्थायी निवास की बाध्यता को समाप्त कर पूर्व की भांति मूल निवास की व्यवस्था लागू करने का भी सुझाव दिया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपे ज्ञापन में संगठन के अध्यक्ष लाखीराम जोशी ने कहा कि सम्मेलन में प्रदेश के विकास पर मंथन हुआ और कई सुझाव सामने आए हैं। इसमें 15 सूत्रीय सुझाव पत्र तैयार कर सीएम धामी को सौंपा गया। इस मौके पर उपाध्यक्ष केदार सिंह रावत और ज्ञानचंद, महामंत्री देशराज कर्णवाल, सचिव भीम लाल आर्य आदि मौजूद रहे।
प्रमुख मांगें
● सरकारी-अर्द्धसरकारी और निजी संस्थानों में रिक्त पदों पर ठेका प्रथा बंद हो। सीधी नियुक्ति की जाए।
● आपदा प्रभावितों का विस्थापन टिहरी बांध की विस्थापन/पुनर्वास नीति की तर्ज पर किया जाए।
● अग्निकांड प्रभावितों को पूर्व की भांति सहायता प्रदान की जाए।
● भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, इसमें धाधंली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
● हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में सख्त भू-काननू लागू किया जाए।
● मूल निवास व्यवस्था लागू की जाए।
● पलायन रोकने के लिए सौर ऊर्जा, लघु बिजली प्रोजेक्ट संग पशुपालन और उद्यानीकरण को बढ़ावा मिले। चकबंदी को भी लागू किया जाए।
● सरकारी, अर्द्ध सरकारी, गैर सरकारी विभाग और उद्योगों में भर्ती को आरक्षण व्यवस्था अपनाई जाए।
● गन्ना किसानों का लंबित भुगतान हो