दिवाली उत्सवः धनतेरस और दीपावली की डेट को लेकर हैं कन्फ्यूज? तो यहां दूर करें अपनी कन्फ्यूजन

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

प्रकाश का पर्व दीपावली का हर किसी को बेसब्री से इंतजार होता है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की पूजा करने के साथ-साथ पूरे घर को दीपकों से सजवाया जाता है। धन- ऐश्वर्य देने वाला ये पर्व पूरे पांच दिनों का होता है। जिसकी शुरूआत धनतेरस के साथ होती है और समापन भाई दूज के साथ होता है। दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, उसके बाद छोटी दिवाली और फिर अगले दिन बड़ी दिवाली मनाई जाती है। लेकिन इस बार तीनों ही त्योहारों को लेकर कन्फयूजन है।

कई दशकों बाद ऐसा हो रहा है कि इस साल एक दिन में ही दो-दो त्योहार मनाए जा रहे हैं। जानिए पूरी जानकारी-

धनतेरस

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरूआत 22 अक्टूर को शाम 6 बजकर 02 मिनट से हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 23 अक्टूबर शाम 6 बजकर 03 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। साथ ही धनवंतरी जयंती भी इसी दिन मनाई जाएगी। यम दीप दान शाम को साढ़े पांच बजे से लेकर छह बजे के बीच करना शुभ रहेगा।

धनतेरस का महत्व 
शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि पर अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रगट हुए थे। इस कारण से हर वर्ष दिवाली के पहले धन त्रयोदशी के रूप में भगवान धन्वंतरि की जन्मदिन मनाया जाता है। इसदिन इनकी विशेष रूप से पूजा आराधना की जाती है। धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। और कुबेर यंत्र, श्रीयंत्र और महालक्ष्मी यंत्र को घर,मंदिर और प्रतिष्ठानों में स्थापित किया जाता है। धनतेरस के दिन सोने, चांदी के आभूषण, सिक्के और बर्तन की खरीदारी होती है। मान्यता है इस दिन खरीदारी करने से साल भर तक 13 गुने की वृद्धि होती है। इसके अलावा धनतेरस पर झाड़ू की भी खरीदारी करते हैं। धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है।

छोटी दिवाली

छोटी दिवाली का त्योहार भी 23 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस दिन शाम को 6 बजे के बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होने के कारण छोटी दिवाली 23 रात्रि को ही मनाई जाएगी।

दीपावली और महालक्ष्मी पूजन

अमावस्या और प्रदोषकाल 24 अक्टूबर को है। इसलिए महालक्ष्मी पूजन 24 तारीख की रात में किया जाएगा। 23 अक्टूबर की शाम 5.20 से चतुर्दशी शुरू होकर 24 अक्टूबर को शाम 6 बजे तक रहेगा। इसके बाद अमावस्या शुरू होगी। यानी की दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन शाम 6 बजे के बाद हो सकेगा। दीपावली पूजा का मुहूर्त वृषभ लग्न में 6.47 से 8.41 शाम को रहेगा। दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है। इसका सूतक काल सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगा। इस दिन कोई धार्मिक कर्म नहीं होंगे। ग्रहण सूर्यास्त के बाद समाप्त होगा, इसलिए गोवर्धन पूजा, अन्नकूट 26 अक्टूबर को होगा।

पंच दिवसीय दीपोत्सव की तिथियां कुछ इस प्रकार होंगी

दिनांक 23 अक्टूबर 2022—धनतेरस, यमदीप दान, छोटी दीपावली पर्व। (छोटी दीपावली प्रदोष व्यापिनी चतुर्दशी दिनांक 23 अक्टूबर 2022 को मनाना शास्त्र सम्मत)
दिनांक 24 अक्टूबर 2022—श्री महालक्ष्मी पूजन, बड़ी दीपावली पर्व।
दिनांक 25 अक्टूबर 2022 — सूर्य ग्रहण।
दिनांक 26 अक्टूबर 2022— गोवर्धन पूजा।
दिनांक 27 अक्टूबर 2022—यम द्वितीया, भैया दूज।

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