पसर गाँव का मामला: खून के निशान का पीछा कर तलाशा आदमखोर गुलदार…

नरेंद्रनगर

Uttarakhand

पसर गांव में आतंक का पर्याय बना आदमखोर गुलदार को वन विभाग की टीम ने मंगलवार को ढेर कर दिया था। बुधवार को पोस्टमार्टम में गुलदार के पेट में मानव हड्डी और बाल पाए गए। वन विभाग के अनुसार इसी गुलदार ने ही कुछ दिनों पहले बेरनी गाँव में एक बुजुर्ग महिला को भी अपना निवाला बनाया था। विदित हो कि सोमवार रात्रि को वन विभाग के शूटर की गोली से गुलदार घायल हो गया था। ऐसे में टीम ने मंगलवार को घायल गुलदार के टपकते खून के निशान का पीछा किया। ऐसे में करीब तीन किलोमीटर दूर नाले में छिपे नरभक्षी गुलदार को ढेर करने में वन विभाग सफल रहा।

पसर गाँव में वन विभाग की टीम

बताते चलें कि सोमवार सुबह पसर गांव के राजेंद्र सिंह (54 वर्षीय) को घर के आंगन से इस गुलदार ने अपना निवाला बनाया था। ग्रामीणों की मांग पर इस गुलदार को आदमखोर घोषित कर शिकारी तैनात किए गए थे। सोमवार रात्रि को आदमखोर गुलदार गांव के पास घटना स्थल पर धमक गया। जिस पर शिकारी ने गुलदार पर गोली फायर कर दी। गोली लगते ही गुलदार घायल अवस्था में गुर्राते हुए नीचे खाई की ओर भाग गया। लेकिन अंधेरा होने के कारण टीम गुलदार का ज्यादा दूर तक पीछा नहीं कर पाई। जिस पर मंगलवार सुबह अंधेरा छंटते ही दोबारा से वन विभाग की टीम, शिकारी दल और गांव के लोग घायल गुलदार को ढूंढते हुए जंगल की ओर निकल पड़े। दरअसल, सोमवार रात्रि को ही गुलदार शूटर की गोली से घायल हो गया था। ऐसे में मंगलवार सुबह वन विभाग ने गुलदार के शरीर से टपकते हुए खून के निशान का पीछा करना शुरू किया। उसी दिशा में टीम जंगलों की ओर आगे बढ़ने लगी। करीब दो किलोमीटर तक टीम को खून के निशान मिले। लेकिन उससे आगे कोई निशान न मिलने से टीम की चिंता बढ़ गई। ऐसे में सर्च टीम ने आगे बढ़ना शुरू किया। इसी दौरान टीम को एक नाले के किनारे गुलदार छिपकर बैठा दिखाई दिया। आक्रामक गुलदार के हमला करने से पहले ही विभाग के शूटर बलवीर सिंह पंवार और जाॅय हुकिल की गोली से गुलदार ढेर हो गया था। गुलदार के शव को नरेंद्रनगर ले जाया गया था।

बुधवार को नरेंद्रनगर में पशु चिकित्सक ने गुलदार का पोस्टमार्टम किया गया। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि गुलदार के पेट में हड्डी और बाल पाए गए, जो मानव के हैं। वन विभाग के अनुसार यह गुलदार नरभक्षी था।

बेरनी गांव में भी इसी गुलदार ने मचाया था आतंक

कुछ दिनों पूर्व बेरनी गांव में भी एक बुजुर्ग महिला को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था। वन विभाग के अनुसार बेरनी गांव की घटना को भी इसी गुलदार ने अंजाम दिया था। रेंजर विवेक जोशी के अनुसार दोनों मामलों में गुलदार के घटना को अंजाम देने का तरीका एक ही है।

क्षेत्र में भय का माहौल, गश्त जारी रखने की मांग की

पूर्व मंत्री लाखीराम जोशी का कहना है कि क्षेत्र में अभी भी लोगों में भय का माहौल है। क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों में लोगों को जंगल में गुलदार दिख रहे हैं। ऐसे में लोगों के भय को दूर करने के लिए उन्होंने विभाग से गश्त जारी रखने की मांग की है। वहीं, वन विभाग के अनुसार क्षेत्र में संवेदनशील जगहों पर 15 कैमरे लगाए गए हैं।

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