पंडित उदय शंकर भट्ट
आज सावन महीने की एकादशी है। इसे कामिका एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत और पूजन से भक्तों की सभी कामनाएं पूरी हो सकती हैं। इस साल ये एकादशी रविवार को होने से इस दिन विष्णु जी, शिव जी के साथ ही सूर्य देव की भी विशेष पूजा जरूर करें।
कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए किए गए व्रत और पूजा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं और जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है। सावन, कामिका एकादशी और रविवार का योग बहुत ही शुभ है और सभी भक्तों को इसका लाभ उठाना चाहिए। इस तिथि पर किए गए तीर्थ दर्शन और पवित्र नदी में स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है।
नौ ग्रहों का राजा है सूर्य
सूर्य को नौ ग्रहों का राजा माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति सही नहीं है तो उसे किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिलती है और अगर सफलता मिल भी जाती है तो उचित मान-सम्मान नहीं मिल पाता है। सूर्य इस समय कर्क राशि में है और इस ग्रह स्थिति में शिव पूजा करने का महत्व काफी अधिक है। सूर्य ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए रोज सुबह सूर्य पूजा करनी चाहिए, सूर्य को अर्घ्य चढ़ाना चाहिए। समय-समय पर जरूरतमंद लोगों को तांबे के बर्तन और पीले वस्त्रों का दान करना चाहिए। रविवार को एकादशी होने से इस दिन सूर्य पूजन जरूर करें।
एकादशी व्रत करने से क्या लाभ मिलते हैं?
स्कंद पुराण में वैष्णव खंड में सालभर की सभी एकादशियों के बारे में बताया गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव पुत्र युधिष्ठिर को जानकारी दी थी कि एकादशी व्रत करने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं। एकादशी व्रत से भगवान श्रीहरि की विशेष कृपा मिलती है। मन शांत होता है, कभी न खत्म होने वाला अक्षय पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करना चाहिए। भगवान का देवी लक्ष्मी के साथ अभिषेक करें। पीले वस्त्र चढ़ाएं। तुलसी के पत्तों के साथ मिठाई और मौसमी फलों का भोग लगाएं।
ऐसे कर सकते हैं शिव पूजा
सावन माह की एकादशी पर शिव पूजा जरूर करें। शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र, हार-फूल, चंदन आदि चीजों से श्रृंगार करें। किसी मंदिर में शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।