पंडित उदय शंकर भट्ट
पंचाग के अनुसार आज 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह की अमावस्या है। इस दिन शनिवार होने से इसका फल और बढ़ गया है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान का महत्व रहेगा। इस दिन तीर्थ स्नान करने या घर पर ही नहाने के पानी में पवित्र नदियों का जल मिलाकर नहाने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
अगहन अमावस्या का महत्व
इस दिन पितरों के साथ भगवान विष्णु और शिव दोनों की पूजा का विधान है। अगहन महीने के देवता भगवान विष्णु होते हैं और शनिवार के साथ आ रही अमावस्या पर शिव जी की विशेष पूजा का भी विधान बताया गया है। इन देवताओं की पूजा से हर तरह के दोष और पाप खत्म हो जाते हैं। अगहन अमावस्या पर किए गए पुण्य कर्म कई गुना शुभ फल देने वाले होते हैं। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है और अमावस्या के दिन चंद्र दर्शन नहीं होते हैं। इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का भी विधान है।
शनि अमावस्या पर क्या करें
इस पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाना चाहिए। घर पर ही पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल मिलाकर नहा सकते हैं। इसके बाद श्रद्धा के मुताबिक दान करने का संकल्प लेना चाहिए। फिर जरुरतमंद लोगों को दान देना चाहिए। इस दिन तेल, जूते-चप्पल, लकड़ी का पलंग, छाता, काले कपड़े और उड़द की दाल का दान करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष खत्म हो जाता है।
पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें
अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा और उपाय करना विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन पीपल पूजन करने से सौभाग्य बढ़ता है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में कई देवी-देवता और पितरों का वास होता है और अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। अपने पुण्यों को बढ़ाने के लिए पीपल वृक्ष के साथ-साथ उसकी परिक्रमा करना भी शुभ माना जाता है.
पीपल पूजा से पितृ दोष का असर होता है कम
इस दिन काले कपड़े में काले तिल रखकर दान देने से साढ़ेसाती और ढय्या से परेशान लोगों को राहत मिल सकती है। साथ ही एक लोटे में पानी और दूध के साथ सफेद तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाने से पितृ दोष का असर कम होने लगता है।