उपासना: महानवमी और गुरुवार के योग में देवी मां और शिव जी के साथ ही विष्णु जी की पूजा भी करें

आज महानवमी है। इस दिन देवी दुर्गा की विशेष पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में देवी मां के निमित्त व्रत करने वाले भक्त अंतिम दिन कन्याओं की पूजा करते हैं। गुरुवार को नवरात्रि समाप्त हो रही है, ये एक शुभ योग है। दुर्गा मां के नौ स्वरूपों की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। नवरात्रि में शिव पूजा करने का भी महत्व है।

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गुरुवार और महानवमी का योग

गुरुवार और नवमी के योग में दुर्गा जी, शिव जी के साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा करें। विष्णु जी के अवतार श्रीराम, श्रीकृष्ण की भी पूजा इस दिन की जा सकती है। अगले दिन यानी शुक्रवार को दशहरा है, ऐसे में नवमी तिथि पर राम दरबार यानी श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमानजी की भी विशेष पूजा कर सकते हैं।

भगवान विष्णु की पूजा में दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और उससे भगवान का अभिषेक करें। इसके बाद साफ जल अर्पित करें। भगवान को पीले वस्त्र पहनाएं। हार-फूल चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं। दीपक जलाकर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। इस दिन श्रीरामचरित मानस का पाठ भी कर सकते हैं। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है।

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किसी गौशाला में दान करें

नवमी तिथि पर घर में देवी पूजा करें। घर के आसपास अगर गौ माता दिखाई दे तो गाय को रोटी खिलाएं। किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करें।

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जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज और कपड़ों का दान करें

नवमी तिथि पर दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज के साथ ही कपड़ों का दान भी जरूर करें।

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