नवरात्रि का सातवां दिन आज: देवी कालरात्रि की पूजा से दूर होता है अनजाना डर और तनाव

आज नवरात्रि सप्‍तमी त‍िथ‍ि है। आज के द‍िन मां कालरात्रि की उपासना की जाती है। मान्‍यता है क‍ि देवी भगवती के इस रूप की आराधना करने से जीवन की सारी समस्‍याएं दूर हो जाती हैं और मातारानी की कृपा से अभय का वरदान म‍िलता है। तो आइए जानते हैं कैसा है मां का यह स्‍वरूप, पूजा मंत्र और कैसे करें मां की पूजा-आराधना?

Uttarakhand

पंडित उदयशंकर भट्ट

नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि कलियुग में प्रत्यक्ष फल देने वाली देवी मां कालरात्रि हैं। कहते हैं कि अगर मां कालरात्रि की पूजा की जाती है तो अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है। मां कालरात्रि का विकराल रूप दैत्यों, भूत-प्रेत का नाश करता है। साथ ही, भक्तों को शुभफल देती हैं। इसी कारण से ही मां को शुभंकरी कहा जाता है। कहते हैं कि मां कालरात्रि का पूजन करते समय रातरानी के फूल और गुड़ अवश्य चढ़ाने चाहिए। इससे मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं। वहीं, भक्तों के सभी तरह के भय और दुख भी दूर करती हैं।

Uttarakhand

इस तरह प्रकट हुआ मां का यह स्‍वरूप

कथा म‍िलती है क‍ि मां भगवती के कालरात्रि स्‍वरूप की उत्‍पत्ति दैत्‍य चण्‍ड-मुण्‍ड के वध के लिए हुई थी। कथा के अनुसार दैत्‍यराज शुंभ की आज्ञा पाकर चण्‍ड-मुण्‍ड अपनी चतुरंगिणी सेना लेकर मां को पकड़ने के लिए गिरिराज हिमालय के पर्वत पर जाते हैं। वहां पहुंचकर वह मां को पकड़ने का दुस्‍साहस करते हैं। इस पर मां को क्रोध आता है, इससे उनका मुख काला पड़ जाता है और भौहें टेढ़ी हो जाती हैं तभी विकराल मुखी मां काली प्रकट होती हैं। उनके हाथों में तलवार और पाश, शरीर पर चर्म की साड़ी और नर-मुंडों की माला विभूषित होती है।

मां के शरीर का मांस सूख गया था, केवल हड्डियों का ढांचा बचा था, इससे वह और भी ज्‍यादा विकराल रूप लिए जान पड़ती हैं। उनका मुख बहुत विशाल था, जीभ लपलपाने के कारण वह और भी डरावनी प्रतीत होती थीं। उनकी आंखें भीतर को धंसी हुई और कुछ लाल थीं, वे अपनी भयंकर गर्जना से सम्पूर्ण दिशाओं को गुंजा रही थी। बड़े-बड़े दैत्यों का वध करती हुई वे कालिका देवी बड़े वेग से दैत्यों की उस सेना पर टूट पड़ीं और उन सबका भक्षण करने लगीं।

आज का विचार

Uttarakhand

ईश्वर सिर्फ मिलाने का काम करता हैं। संबंधों में नजदीकियाँ या दूरियाँ बढ़ाने का काम व्यक्ति स्वयं करता है।

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *