पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आश्विन माह का तीसरा श्राद्ध है।
आज का पंचांग
आज का विचार
जिंदगी जब कठिन समय मे नाच नचाती है तो ढोलक बाजा बजाने वाले अपने जान पहचान वाले ही होते है।
आज का भगवद् चिन्तन
प्रेम और पवित्रता
प्रेम और पवित्रता में जिया गया जीवन ही प्रभु का भी प्रिय बन जाता है। प्रेम से किसी के ऊपर विजय प्राप्त करना ही सच्ची विजय है। क्रोध से, छल से अथवा बल से किसी एक मनुष्य को जीत पाओगे लेकिन प्रेम ही ऐसा शस्त्र है जिससे सारी दुनिया को जीता जा सकता है। अपनी बात मनवाने के लिए अपने अधिकार या बल का प्रयोग करना किसी मनुष्य की अहमता का लक्षण है।
जो कार्य मुस्कुराकर और प्रेम से बोलकर कराया जा सकता है, उसे क्रोध से करवाने की आवश्यकता ही नहीं है। आज प्रत्येक घर में ईर्ष्या, संघर्ष, दुःख और अशांति का जो वातावरण है, उसका एक ही कारण है और वह है प्रेम का अभाव। आग को आग नहीं बुझाती, पानी बुझाता है। प्रेम ही वो भाषा है जिसे पशु-पक्षी भी समझते हैं। तुम प्रेम बाटों, इसकी सुगंध तुम्हारे जीवन को भी सुगंधित कर देगी।