आज का पंचांग: 18 मई, सुमति कुमति सब कें उर रहहीं

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज ज्येष्ठ मास की 5 गते है।

आज का पंचांग

शनिवार, मई 18, 2024
सूर्योदय: 05:29
सूर्यास्त: 19:07
तिथि: दशमी – 11:22 तक
नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी – 00:23, मई 19 तक
योग: हर्षण – 10:25 तक
करण: गर – 11:22 तक
द्वितीय करण: वणिज – 00:37, मई 19 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: वैशाख
पूर्णिमान्त महीना: वैशाख
चन्द्र राशि: कन्या
सूर्य राशि: वृषभ

सुमति कुमति सब कें उर रहहीं…

विभीषण जी अपने भाई रावण को समझाते हुए कहते है कि हे भाई!सुमति और कुमति दोनों सगी बहनें है और दोनों एक साथ सबके मन रहती है कुमति के बिना सुमति का कोई असितत्त्व नहीं है हमें दिन अच्छा ही तब लगता है जब वो रात के बाद आता है सुख की सुखानुभूति होती ही तब है जब वो दुःख के बाद आये, जिस प्रकार सुख दुःख, दिन रात साथ रहते है उसी प्रकार सुमति कुमति भी साथ रहती है।

अच्छा बात करें लंका की तो यहाँ भी कुमति और सुमति दोनों ही रहती है कुमति की नींद में कुम्भकर्ण सोता है और सुमति की नींद में विभीषण जी सोते है विभीषण जी भी सो रहें थे तभी तो बाबा को लिखना पड़ा -“तेहि समय विभीषण जागा। “लेकिन रात्रि में सोने वाला राक्षस नहीं होता है निशाचर रात्रि में नहीं सोते है।

_अब आपके पास कुमति आयेगी या सुमति यह आपके जगाने वाले पर निर्भर करती है कुम्भकर्ण को जगाया कुसंग के रावण ने और विभीषण जी को जगाया सत्संग के हनुमान जी ने, कुसंग के रावण के जगाने से कुमति मिलती है और सत्संग के हनुमान जी के जगाने से सुमति मिलती है, इसलिए आइये सुमति प्राप्त करने हेतु हम हमेशा सत्संग रूपी हनुमान जी साथ जागे तभी हम मोह रूपी निशा से सही रूप में जाग्रत हो पाएंगे।

_”सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥जहाँ सुमति तहँ संपति नाना।जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥”

_आज अपने प्रभु से बौद्धिक सामर्थ्य और संरक्षण अनुग्रह देते रहने की अलौकिक प्रार्थना के साथ…।

आज का भगवद् चिंतन

..जब तक जीना तब तक सीखना, अनुभव ही जिन्दगी में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। अगर अँधा अंधे का नेतृत्व करेगा, तो दोनों खाई में गिरेंगे.

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