आज का पंचांग: 19 मई, सुख दुःख पचाना सीखें

पंडित उदय शंकर भट्ट

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आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज ज्येष्ठ मास की 6 गते और एकादशी है। वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह तिथी सब पापों को हरनेवाली और उत्तम है। इस दिन जो व्रत रहता है उसके व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोहजाल तथा पातक समूह से छुटकारा पा जाते हैं।

आज का पंचांग

रविवार, मई 19, 2024
सूर्योदय: 05:28 ए एम
सूर्यास्त: 07:07 पी एम
तिथि: एकादशी – 01:50 पी एम तक
नक्षत्र: हस्त – 03:16 ए एम, मई 20 तक
योग: वज्र – 11:25 ए एम तक
करण: विष्टि – 01:50 पी एम तक
द्वितीय करण: बव – 02:57 ए एम, मई 20 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: वैशाख
पूर्णिमान्त महीना: वैशाख
चन्द्र राशि: कन्या
सूर्य राशि: वृषभ

आज का विचार

कोई इन्सान दो आदमियों की एकसाथ खिदमत नहीं कर सकता, चाहे प्रभु की उपासना कर लो, चाहे कुबेर की।

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आज का भगवद् चिंतन

सुख दुःख पचाना सीखें

सुख व्यक्ति के अहंकार की परीक्षा लेता है तो दुःख व्यक्ति के धैर्य की परीक्षा लेता है। दोनों परीक्षा में उत्तीर्ण व्यक्ति का जीवन ही एक सफल जीवन कहलाता है। जीवन का एक साधारण सा नियम है और वो ये कि सुख आता है तो वह अपने साथ अहंकार भी लेकर आता है। रावण हो, कंस हो अथवा दुर्योधनादि कौरव हो, इन सबके जीवन की एक ही कहानी है, कि जीवन में जितना सुख और विलास आया उतना अभिमान भी बढ़ता चला गया।

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दु:ख में बड़े – बड़े महारथियों का धैर्य टूटते देखा गया है। दुखों के प्रवाह में धैर्य का बांध उसी प्रकार टूट जाता है जैसे बरसाती नदी के वेग में लकड़ी का छोटा सा पुल। सुख के क्षणों में अहंकार को जीतने वाला और दुख के क्षणों में धैर्य धारण करने वाला ही वास्तव में इस जीवन रूपी महासंग्राम का एक सफल योद्धा है। दु:ख सहना ही नहीं अपितु सुख पचाना भी जीवन की एक कला है।

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