पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज ज्येष्ठ मास की 13 गते है। आज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई यानी आज रखा जा रहा है। कहते हैं कि इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन से सभी विघ्न और कष्ट दूर हो जाते हैं इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। सनातन धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाता है।
आज का पंचांग
रविवार, मई 26, 2024
सूर्योदय: 05:25 ए एम
सूर्यास्त: 07:12 पी एम
तिथि: तृतीया – 06:06 पी एम तक
नक्षत्र: मूल – 10:36 ए एम तक
योग: साध्य – 08:31 ए एम तक
करण: वणिज – 06:34 ए एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 06:06 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: वैशाख
पूर्णिमान्त महीना: ज्येष्ठ
चन्द्र राशि: धनु
सूर्य राशि: वृषभ
प्रभु संरक्षण मे हो जाएं
हमारे अन्तःकरण मे ईश्वर के प्रति श्रद्धा विश्वास समर्पण के भाव जितने अधिक सुनिश्चित होते है,उतना ही प्रभाव उनकी कृपा विशेष का पड़ता है और जितनी भी हम अपने सहज जीवन के लिए खुद चिंता कर लेते है उतना वह प्रभु प्रभाव में बाधा दे देता है। तात्पर्य, भगवान के शरण होने पर उनकी तरफ से जो अनुकम्पा मिलती है उस अटूट,अखंड, विलक्षण, विचित्र कृपा में बाधा होने लग जाती है।
भगवान देखते हैं कि यदि श्रद्धालु स्वयं अपने प्रति चिंतित है तो फिर अपनी स्थिति मे खुद ही सुधार कर लेगा,ऐसे मे ईश्वरीय कृपा हम तक आने मे व्यवधान आ जाता है। इसलिए जितना हो सके सबकुछ परमात्मा के विधान पर छोडकर निश्चिंत हो जाये, निर्भय हो जाये, नि:शोक होजाय, नि:शंकित होकर, संकल्प- विकल्प से रहित हो सके उतनी ही श्रेष्ठ शरणागति के पात्र रहेंगे। इसलिए अपने आप से कह दीजिए कि मेरे पर तो कोई भार हीनहीं है, कोई बोझा ही नहीं है,कोई जिम्मेदारी ही नहीं है। सब कुछ भगवान को सौप दिया है अब तो सर्वथा हम प्रभु संरक्षण मे हो गये है।
“का मुख ले विनती करूँ, लाज आवत है मोहि। तुम देखत अवगुण किये, कैसे भाऊँ तोही॥”
आज का चिंतन
हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है। शब्द गौण हैं, विचार मुख्य हैं और उनका असर दूर तक होता है.!!