आज 2 जून का पंचांग: प्रकृति कुछ सिखाती है

पंडित उदय शंकर भट्ट

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आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज ज्येष्ठ मास की 19 गते, भद्रकाली जयंती और अपरा एकादशी है।

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी अपरा एकादशी के दिन ही भद्रकाली जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन माता काली के स्वरूप भद्रकाली की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां भद्रकाली की पूजा से तमाम रोग, दोष और शोक खत्म हो जाते हैं।

कौन हैं मां भद्रकाली

भद्रकाली माता काली का ही स्वरूप हैं, इनकी पूजा दक्षिण भारत में की जाती है। माता कालिका के अनेक रूप माने जाते हैं, दक्षिणा काली, श्मशान काली, मातृ काली, महाकाली, श्यामा काली, गुह्य काली, अष्टकाली और भद्रकाली आदि। इन सभी रूपों की अलग पूजा पद्धति है।

इनमें भद्रकाली की जयंती ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को मानी जाती है। यह रूप मां काली का शांत स्वरूप और वर देने वाला माना जाता है।

महाभारत शांति पर्व के अनुसार यह पार्वती के कोप से उत्पन्न दक्ष के यज्ञ की विध्वंसक देवी हैं। भद्रकाली जयंती पर इनकी पूजा दुखों का नाश करने वाली और खुशियां प्रदान करने वाली होती है।

एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने और उनकी पूजा करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है, इसके अलावा इसे जलक्रीड़ा, अचला और भद्रकाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

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अपरा एकादशी की महिमा
अपरा एकादशी का अर्थ होता है अपार पुण्य। पदम पुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा उनके वामन रूप में करने का विधान है। यूं तो सभी एकादशियां बहुत पुण्य देने वाली मानी गई हैं लेकिन ऐसी मान्यता है कि अपरा एकादशी का व्रत करने से भगवान श्रीहरि विष्णु मनुष्य के जीवन से सभी कष्टों को दूर कर अपार पुण्य प्रदान करते हैं। धर्मग्रंथों में वर्णित है कि यह एकादशी बहुत पुण्य प्रदान करने वाली और बड़े-बड़े पातकों का नाश करने वाली है। इस व्रत के प्रभाव से कई पाप नष्ट हो जाते हैं। ‘अपरा’ को उपवास करके एवं इस महत्व को पड़ने और सुनने से सहस्त्र गोदान का फल मिलता है।

आज का पंचांग

रविवार, जून 2, 2024
सूर्योदय: 05:23 ए एम
सूर्यास्त: 07:15 पी एम
तिथि: एकादशी – 02:41 ए एम, जून 03 तक
नक्षत्र: रेवती – 01:40 ए एम, जून 03 तक
योग: आयुष्मान् – 12:12 पी एम तक
करण: बव – 03:53 पी एम तक
द्वितीय करण: बालव – 02:41 ए एम, जून 03 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: वैशाख
पूर्णिमान्त महीना: ज्येष्ठ
चन्द्र राशि: मीन – 01:40 ए एम, जून 03 तक
सूर्य राशि: वृषभ

आज का विचार

जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है.!

आज का भगवद् चिंतन

प्रकृति कुछ सिखाती है

मानव जीवन को जो महत्वपूर्ण सीख प्रकृति प्रदान करती है, वह सीख फिर कभी कहीं से सीखने को नहीं मिल पाती। यह संपूर्ण प्रकृति अपने आप में एक विश्वविद्यालय ही है, बस हमारे भीतर उससे कुछ सीखने की कला होनी चाहिए। यदि खेतों में बीज ना डाला जाए तो प्रकृति उसे स्वतः घास-फूस और झाड़ियों से भर देती है।

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ठीक उसी प्रकार से यदि मन-मस्तिष्क में अच्छे एवं सकारात्मक विचार ना डाले जाएं तो बुरे एवं नकारात्मक विचार उसमें स्वतः अपनी जगह बना लेते हैं। मानव मस्तिष्क में प्रतिदिन कुछ श्रेष्ठ एवं सकारात्मक विचारों का आदान-प्रदान होते रहना चाहिए। जिस दिन हमारे जीवन में कुछ श्रेष्ठ आना बंद हो जाता है, उसी दिन से जीवन में धीरे-धीरे नकारात्मकता का प्रवेश भी प्रारंभ हो जाता है।

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