पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज भाद्रपद की 29 गते है।
आज का पंचांग
शनिवार, सितम्बर 14, 2024
सूर्योदय: 06:06 ए एम
सूर्यास्त: 06:27 पी एम
तिथि: एकादशी – 08:41 पी एम तक
नक्षत्र: उत्तराषाढा – 08:32 पी एम तक
योग: शोभन – 06:18 पी एम तक
करण: वणिज – 09:41 ए एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 08:41 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: भाद्रपद
पूर्णिमान्त महीना: भाद्रपद
चन्द्र राशि: मकर
सूर्य राशि: सिंह
शक सम्वत: 1946 क्रोधी
आज का विचार
दुःख में स्वयं की एक अंगुली आंसू पोंछती है, और सुख में दसो अंगुलियाँ ताली बजाती है, जब स्वयं का ही ऐसा करता है तो दुनिया से क्या गिला-शिकवा।
आज का भगवद् चिन्तन
आचरण की शुद्धि
बुरी संगति हमारे व्यवहार को भी अशुद्ध कर देती है। हम कितना भी भजन कर लें,ध्यान कर लें लेकिन हमारा संग गलत है तो हमारे द्वारा पढ़े गये ग्रंथ , हमारे द्वारा अर्जित ज्ञान और हमारे द्वारा सुना हुआ सत्संग कुछ भी आचरण में नहीं उतर पायेगा। साधना के जगत में संग का अति विशेष महत्व है। व्यवहार की शुद्धि के लिए महापुरुषों का संग अवश्य होना चाहिए।
आपको धनवान होना है तो धनी लोगों का संग करें, राजनीति में जाना है तो राजनीतिक लोगों का संग करें पर भक्त बनना है तो संतों, महापुरुषों और वैष्णवों का संग अवश्य करना पड़ेगा। दुर्जन की एक क्षण की संगति भी बड़ी घातक होती है। वृत्ति और प्रवृत्ति तो संत संगति से ही सुधरती है। संग का ही प्रभाव था कि लूटपाट करने वाला, रामायण लिखने वाले वाल्मीकि जी बन गए। थोड़े से भगवान बुद्ध के संग ने अंगुलिमाल जैसे डाकू का भी हृदय परिवर्तन कर दिया।