आज का पंचांग: 14 जनवरी, शुभ-अशुभ मुहूर्त का समय

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

सुप्रभातम्

आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज रविवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं। अगर आप आज कोई नया कार्य आरंभ करने जा रहे हैं तो आज के शुभ मुहूर्त में ही कार्य करें ताकि आपके कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हो सकें। आज विनायक चतुर्थी है।

आज हम शांति पाठ या शांति मंत्र से प्रार्थना करेंगे। यह शांति पाठ मंत्र प्रार्थना है जो यजुर्वेद से ली गई है। सनातन धर्म अनुसार जब भी कोई कार्य आरंभ करते हैं, तो उस कार्य की शुभता के लिए हम ईश्वर से प्रार्थना करतें है कि वह कार्य निर्विघ्न पूर्ण हो, इसके लिए गणेशजी जिन्हें विघ्न विनाशक कहा गया है, की पूजा करके मंगल कामना करते है। उसी तरह प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठान के विधिवत और शांतिपूर्वक सम्पूर्ण होने हेतु और वातावरण की सात्विकता और शुद्धि के लिए शांति पाठ करना आवश्यक होता है।

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:। वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि।। ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

हिन्दी अर्थ

शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में, अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में, सकल विश्व में अवचेतन में। शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन में, नगर, ग्राम में और भवन में जीवमात्र के तन में, मन में और जगत के हर कण कण में। ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

शांति पाठ मंत्र के लाभ

  • शांति पाठ मंत्र का जाप करने से मनुष्य के मन को शांति मिलती है।
  • शांति पाठ मंत्र का जाप करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
  • यह पाठ शरीर के रक्तचाप को संतुलन में सहयोग करता है।
  • इस पाठ को करने से अनेको बीमारियों से मुक्ति मिलती है और मन शांत रहता है।
  • इस मंत्र का जाप शांत जगह पर करना चाहिए।

आज का विचार

जिसने जन्म लिया है उसका मरण ध्रुव निश्चित है और जो मर गया है उसका जन्म ध्रुव निश्चित है इसलिये यह जन्ममरणरूप भाव अपरिहार्य है अर्थात् किसी प्रकार भी इसका प्रतिकार नहीं किया जा सकता इस अपरिहार्य विषयके निमित्त शोक करना उचित नहीं।

आज का भगवद् चिंतन

 आदत को सुधारें

बुरी आदतों को अगर समय रहते सुधारा ना गया तो वो किसी भी मनुष्य के लिए एक अभिशाप की तरह उसके अपयश एवं अपकीर्ति का कारण बन जाती हैं। बुरी आदतों का भी अपना एक नशा होता है। समय से इन्हें रोका ना गया तो ये भी लत बन जाती हैं।

यदि एक बार किसी बुरी आदत कि लत लग गई तो स्वयं को बुरी लगने के बावजूद भी हम उस काम को किए बिना रह ही नहीं पायेंगे। हम आदतन उस काम को करने के लिए मजबूर हो जायेंगे। बुरी आदतें हमारे प्रगति मार्ग में सबसे बड़ी बाधक होती हैं। कुछ बुरी आदतें हमारे व्यक्तिगत जीवन को दूषित करती हैं, कुछ सामाजिक जीवन को तो कुछ नैतिक जीवन को भी दूषित करती हैं।

महान दार्शनिक सुकरात ने लिखा है कि “हर वर्ष एक बुरी आदत को मूल से खोदकर फेंका जाए तो कुछ ही वर्षों में बुरे-से-बुरा व्यक्ति भी भला हो सकता है।” अच्छी आदतें अच्छे इंसान को जन्म देती हैं और बुरी आदतें बुरे इंसान को। बुरी आदतों से निरंतर बचने का प्रयास न किया गया तो आपके भीतर कब एक बुरे इंसान ने जन्म ले लिया आपको स्वयं पता नहीं चलेगा।

आज का पंचांग

सूर्योदय: 07:15
सूर्यास्त: 17:45
तिथि: तृतीया – 07:59 तक
क्षय तिथि: चतुर्थी – 04:59, जनवरी 15 तक
नक्षत्र: धनिष्ठा – 10:22 तक
योग: व्यतीपात – 02:40, जनवरी 15 तक
करण: गर – 07:59 तक
द्वितीय करण: वणिज – 18:27 तक
क्षय करण: विष्टि – 04:59, जनवरी 15 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: रविवार
पूर्णिमान्त महीना: पौष
चन्द्र राशि: कुम्भ
सूर्य राशि: धनु – 02:54, जनवरी 15 तक
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल

तिथि तृतीया 08:00 तक
नक्षत्र धनिष्ठा 10:15 तक
प्रथम करण गर 08:00 तक
द्वितीय करण वणिज 18:30 तक
पक्ष शुक्ल
वार रविवार
योग व्यतिपाता 26:35 तक
सूर्योदय 07:19
सूर्यास्त 17:41
चंद्रमा कुंभ
राहुकाल 16:24 − 17:41
विक्रमी संवत् 2080
शक संवत 1944
मास पौष
शुभ मुहूर्त अभिजीत 12:10 − 12:51

पढ़ते रहिए हिमशिखर खबर, आपका दिन शुभ हो… 

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