पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज बुधवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं। वसंत पंचमी का पर्व आज है।
वेदों के मुताबिक हर इंसान में सोचने, समझने, बोलने, सीखने और सीखी हुई चीजों को अनुभव के तौर पर याद रखने की जो ताकत होती है, उनकी अधिष्ठात्री देवी सरस्वती होती हैं।
इन पंच शक्तियों की देवी सरस्वती को पूजने के लिए जो दिन तय किया गया है, वो सूर्य के उत्तरायण होने के बाद पहले महीने का पांचवा दिन है। जो माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी है, इसे वसंत पंचमी कहते हैं।
वसंत पंचमी इसलिए क्योंकि इस दिन से मौसम में बदलाव की शुरुआत होने लगती है और हम वसंत ऋतु की तरफ बढ़ते हैं। आज ये ही दिन वसंत पंचमी के तौर पर हम मना रहे हैं।
प्रातः चिंतन
परिस्थितियों को नहीं बल्कि मन स्थिति को बदलने का प्रयास करना चाहिए। वे माता पिता धन्य हैं जो अपनी संतान के लिए उत्तम पुस्तकों का संग्रह छोड़ जाते हैं।
आज का भगवद् चिन्तन
वैचारिक दुर्बलता
किसी की बुराई करना और किसी की बुराई सुनना, दोनों ही वैचारिक दुर्बलता के लक्षण हैं। जो लोग आपके सामने दूसरों की बुराई करते हैं, सच समझना निश्चित ही वो लोग दूसरों से आपकी बुराई भी करते होंगे। बुरा करना ही गलत नहीं है अपितु बुरा सुनना भी गलत है। हम प्रतिदिन जैसा सुनते हैं, देखते हैं , वही होने भी लग जाते हैं। स्वस्थ अथवा स्वच्छ विचार ही जीवन की प्रसन्नता का मूल है।
उन लोगों से अवश्य ही सावधान रहने की जरुरत है, जिन्हें दूसरों की बुराई करने में रस की प्राप्ति होती हो। विचारों का प्रदूषण विज्ञान से नहीं अपितु स्वयं के अन्तः ज्ञान से ही मिटाया जा सकता है। विचारों का प्रदूषण फैलने का कारण हमारी वो आदतें हैं जिन्हें किसी की बुराई सुनने में रस आने लगता है। बुराई को सुनना, बुराई को चुनना जैसा ही है क्योंकि जब हम बुराई सुनना पसंद करते हैं तो बुराई का प्रवेश हमारे विचारों के माध्यम से हमारे आचरण में स्वतः होने लगता है।
आज का पंचांग
बुधवार, फरवरी 14, 2024
सूर्योदय: 07:011
सूर्यास्त: 18:05
तिथि: पञ्चमी – 12:09 तक
नक्षत्र: रेवती – 10:43 तक
योग: शुभ – 19:59 तक
करण: बालव – 12:09 तक
द्वितीय करण: कौलव – 23:06 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: माघ
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: मीन – 10:43 तक
सूर्य राशि: कुम्भ
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।
आप सभी को बसंत पंचमी की अनंत शुभकामनाएं एवं मंगल बधाई।