पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज शनिवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं।
आज का विचार
जगत में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व यदि किसी के पास है तो वह मनुष्य है। वह ना केवल स्वयं के जीवन को आंनद और उल्लास के कैलाश पर पहुँचाने में समर्थ है अपितु समस्त प्रकृति, समस्त जीव – जंतु और समस्त वातावरण को भी आंनद देने में समर्थ है।
आज का भगवद् चिन्तन
अतृप्त मन
असंतोषी मन इस संसार का सबसे दुःखी मन है। जिस मन में संतोष नहीं वह बहुत कुछ प्राप्ति के बावजूद भी अतृप्त ही रहेगा। धन के बल पर भोग अवश्य प्राप्त हो जाते हैं मगर तृप्ति की प्राप्ति नहीं हो सकती है। धन के बल पर पूरे संसार के भोगों को प्राप्त करने के बाद भी तुम अतृप्त ही रहोगे। रिक्तता , खिन्नता, विषाद, अशांति तुम्हारा पीछा ना छोड़ेगी।असंतोष के कारण ही मानव पाप और निम्न आचरण करता है।
जगत के सारे पदार्थ मिलकर भी मानव को सन्तुष्ट नहीं कर सकते हैं। एक मात्र संतोष ही मानव मन को प्रसन्न रख सकता है। प्रभु पर विश्वास हो तो अभाव में भी कृपा का और प्रत्येक क्षण आनन्द का अनुभव होगा। विषय के लिए नहीं वसुदेव के लिए जियो। धन जीवन की आवश्यकता है, उद्देश्य कदापि नहीं। विषय भोग से आज तक कोई तृप्त नहीं हो पाया। प्रभु चरणों के आश्रय से ही जीवन में तृप्ति का अनुभव किया जा सकता है।
आज का पंचांग
तिथि | अष्टमी | 08:16 तक |
नक्षत्र | कृत्तिका | 08:46 तक |
प्रथम करण | बव | 18:00 तक |
द्वितीय करण | बालव | अहोरात्र |
पक्ष | शुक्ल | |
वार | शनिवार | |
योग | ऐन्द्र | 13:43 तक |
सूर्योदय | 06:59 | |
सूर्यास्त | 18:11 | |
चंद्रमा | वृषभ | |
राहुकाल | 09:47 से 11:11 | |
विक्रमी संवत् | 2080 | |
शक संवत | 1944 | |
मास | माघ | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 12:12 − 12:57 |
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।