पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज रविवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं।
आज का भगवद् चिन्तन
प्रभु के बनकर रहें
आप जैसे भी रहें बस प्रभु के बनकर प्रभु शरणागत रहें यही जीवन आनंद का मार्ग है।अपने आप को सदैव प्रभु का अंश समझते हुए आनंदित रहकर जीवन जीने का अभ्यास करना चाहिए। अपनी मानते ही वस्तु अशुद्ध हो जाती है एवं भगवान की मानते ही वह शुद्ध और भगवद् स्वरुप हो जाती है। इसी तरह अपने आपको भी भगवान से दूर और पृथक मानते ही आप अशुद्ध हो जाते हो।
प्रत्येक पल भगवान का स्मरण करो और उन्हें अपना मानो। इससे भगवद् चरणों में प्रीति प्रकट हो जाएगी। भगवान का हृदय से आश्रय करते ही भगवदीय गुण भी स्वतः प्रगट होने लगते हैं।छोटा बालक माँ -माँ करता है। उसका लक्ष्य, उसका ध्यान और उसका विश्वास माँ शब्द पर नहीं होता अपितु माँ के सम्बन्ध पर होता है। ताकत माँ शब्द में नहीं है, माँ के सम्बन्ध में है। इसी प्रकार ताकत भगवान के सम्बन्ध में है। हर परिस्थिति में भगवद् चरणों में आश्रय जीव को निर्भयता प्रदान कर देता है।
आज का विचार
.हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है। शब्द गौण हैं, विचार मुख्य हैं और उनका असर दूर तक होता हैं।
आज का पंचांग
रविवार, फरवरी 18, 2024
सूर्योदय: 07:05
सूर्यास्त: 18:10
तिथि: नवमी – 08:15 तक
नक्षत्र: रोहिणी – 09:23 तक
योग: वैधृति – 12:39 तक
करण: कौलव – 08:15 तक
द्वितीय करण: तैतिल – 20:28 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: माघ
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: वृषभ – 21:54 तक
सूर्य राशि: कुम्भ
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।