पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज शुक्रवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं।
सूर्योदय: 07:15
सूर्यास्त: 17:49
तिथि: नवमी – 19:51 तक
नक्षत्र: भरणी – 02:50, जनवरी 20 तक
योग: साध्य – 12:46 तक
करण: बालव – 08:14 तक
द्वितीय करण: कौलव – 19:51 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शुक्रवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: पौष
चन्द्र राशि: मेष
सूर्य राशि: मकर
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
तिथि | नवमी | 19:56 तक |
नक्षत्र | भरणी | 26:51 तक |
प्रथम करण | बालव | 08:15 तक |
द्वितीय करण | कौलव | 19:56 तक |
पक्ष | शुक्ल | |
वार | शुक्रवार | |
योग | साध्य | 12:40 तक |
सूर्योदय | 07:18 | |
सूर्यास्त | 17:44 | |
चंद्रमा | मेष | |
राहुकाल | 11:13 − 12:31 | |
विक्रमी संवत् | 2080 | |
शक संवत | 1944 | |
मास | पौष | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 12:10 − 12:52 |
आज का विचार
जिंदगी का रास्ता कभी बना-बनाया नही मिलता है, स्वयं को बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी ही मंजिल मिलती है।
आज का भगवद् चिंतन
अभय दान
हमारे समझने और स्वीकार करने भर की देर है, बाकी सच्चाई तो यही है कि चाहे हम कितने ही बलवान, सामर्थ्यवान एवं संपत्तिवान ही क्यों ना हों मगर विपत्ति काल में उस प्रभु के सिवा कोई हमारा सहायक, कोई हमें अभय प्रदान करने वाला हो ही नहीं सकता। जब बुद्धि में भय व्याप्त जाए तो प्रभु के शरणागत हो जाना ही एक मात्र उपाय है।
भय कुछ खोने का हो, भय शत्रु का हो अथवा तो भय प्राणों का ही क्यों ना हो प्रत्येक स्थिति में प्रभु की शरण हमें भय से मुक्त कराकर अभय प्रदान करती है। जहाँ जीव के स्वयं का अथवा सबका बल क्षीण हो जाता है वहाँ से आगे फिर प्रभु सबको संभाल लेते हैं। एक बार शरणागत होकर तो देखो प्रभु द्वारा आपको समस्त भयों से मुक्त कराकर अभय प्रदान ना किया जाए तो कहना।