पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज शुक्रवार को भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रही है, जिसे देखकर आप आसानी से पूरे दिन की रचनाएं कर सकते हैं।
आज का पंचांग
शुक्रवार, फरवरी 23, 2024
सूर्योदय: 07:03 ए एम
सूर्यास्त: 06:06 पी एम
तिथि: चतुर्दशी – 03:33 पी एम तक
नक्षत्र: अश्लेशा – 07:25 पी एम तक
योग: शोभन – 12:48 पी एम तक
करण: वणिज – 03:33 पी एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 04:45 ए एम, फरवरी 24 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शुक्रवार
अमान्त महीना: माघ
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: कर्क – 07:25 पी एम तक
सूर्य राशि: कुम्भ
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
आज का विचार
जीवन और मृत्यु पर किसी का बस नहीं है। फिर भी जीने की इच्छा बहुत प्रबल है। लोग अपने-अपने तरीकों और कारणों से इस जीवन को जी रहे हैं।
आज का भगवद् चिन्तन
मैं से बचो
मैं से मुक्त हो जाना जीवन में बहुत बड़ी अशांति एवं कष्टों से मुक्त हो जाना भी है। मैं शब्द में बड़ी विचित्रता है। सुबह से शाम तक व्यक्ति कई बार मैं – मैं करता है। इस मैं के कारण ही बहुत सारी समस्याएं जन्म लेती हैं एवं जीवन अशांत हो जाता है। समस्त हिंसा और अशांति के मूल में भी मैं का ही भाव छुपा है। जीवन में जहाँ – जहाँ मैं भाव आपके आगे आयेगा वहाँ – वहाँ आप पाओगे कि प्रसन्नता आपके जीवन से धीरे-धीरे पीछे हट रही है।
यदि मन में अहमता की दीवार ना हो तो जीवन स्वतः आनंदपूर्ण बन जाता है। मैं का भाव हृदय की उदारता को नष्ट कर देता है। अपने को कर्ता रूप मान लेना ही जीवन में मैं की उपस्थिति है और जहाँ मैं है वहीं से अहम की यात्रा का प्रारंभ भी है। जीवन का वास्तविक सौंदर्य तो उदारता, विनम्रता, प्रेमशीलता और संवेदना में ही खिलता है। मैं अर्थात स्वयं में सिमट कर रह जाना। असीमता, अनंतता के आकाश से वंचित रह जाना। एक बात सदैव याद रखें कि मैं की मुक्ति में ही तुम्हारी समस्याओं की मुक्ति भी है।
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।