पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज देशभर में होलिका दहन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा, जो हर साल की तरह हिदूं पंचाग के अनुसार प्रति वर्ष वसंत ऋतु में फागुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों की होली से पहले यह दिन होलिका दहन के रूप में मनाने की परंपरा है।
आज का पंचांग
रविवार, मार्च 24, 2024
सूर्योदय: 06:20 ए एम
सूर्यास्त: 06:35 पी एम
तिथि: चतुर्दशी – 09:54 ए एम तक
नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी – 07:34 ए एम तक
योग: गण्ड – 08:34 पी एम तक
करण: वणिज – 09:54 ए एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 11:13 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: फाल्गुन
पूर्णिमान्त महीना: फाल्गुन
चन्द्र राशि: सिंह – 02:20 पी एम तक
सूर्य राशि: मीन
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
आज का भगवद् चिंतन
किसी से बदला लेने का नहीं अपितु स्वयं को बदल डालने का विचार ज्यादा श्रेष्ठ है। महत्वपूर्ण यह नहीं कि दूसरे आपको गलत समझते हैं अपितु यह है कि आप गलत भाव से कोई कर्म नहीं करते हैं।
आज का भगवद् चिंतन
मनुष्य केलिए सांसारिक नश्वरता दुःख का कारण है,संसार आवागमन,जन्म-मरण और नश्वरता का केंद्र हैं। इस नश्वरता अर्थात माया रुपी अविद्याकृत प्रपंच से मुक्ति पाना ही मोक्ष बताया गया है।मोक्ष या मुक्ति की प्राप्ति का उपाय आत्मतत्व या ब्रह्मतत्व का साक्षात्कार करना होता है।
मोक्ष मिल जाने पर जीव सदा के लिये सब प्रकार के बन्धनों और कष्टों और इस संसार में बार बार आवागमन आदि से छूट जाता है। मोक्ष जीवन का प्रथम पुरुषार्थ है। मन के भ्रम,मोह और भय से छुटकारा मोक्ष ही है। मुक्ति एक ऐसी अवस्था है जिसमे व्यक्ति संसार के जन्म और पुनर्जन्म के बंधन से मुक्त हो जाता है। जिसने मोक्ष को प्राप्त कर लिया उसका मुक्ति पर अधिकार सिद्ध है।
मोक्ष एक ऐसी अवस्था है जिसके लिए किसी तरह के शरीर त्याग की जरूरत नहीं होती है। यह इसी मनुष्य जीवन में सशरीर पूर्णतया हासिल करने वाली स्थिति है। भगवान की प्राप्ति या मोक्ष मरने से पहले प्राप्त करना होता है, क्योंकि मरने के बाद कर्म करने का अधिकार नहीं है। मरने से पहले मोक्ष की अवस्था किसी को प्राप्त होगी तभी वो मरणोपरांत परम गति को प्राप्त होगा अर्थात वह मुक्ति को प्राप्त करेगा।
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।