पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज सोमवार को भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रही है। आज फाल्गुन मास की 14 गते है।
आज का विचार
किसी को धन चाहिए, किसी को प्रतिष्ठा, किसी को परिवार, और किसी को शोहरत। हर कोई इस जीवन में कुछ न कुछ लेना चाहता है, पाना चाहता है। लेकिन देने की किसी में कोई दिलचस्पी नहीं है।
पुनरपि जननं, पुनरपि मरणं
इस संसार का कोई भी मनुष्य बिना कर्म के नही रह सकता. कहावत भी है कि “सकल पदार्थ है जग माह, कर्म हीन नर पावत नाहीं ।”
जो कर्म नही करता है, उसे कुछ भी नही मिल पाता है। वही व्यक्ति श्रेष्ठ होता है जो इन्द्रियों को वश मे रख कर अनासक्त भाव से कर्म करता है। जिस किसी ने जो किया है उसका फल उसको मिलेगा ही।
यही सत्य है। कर्म फल के रूप मे हर जीव को जो किया है उसका भुगतान तो उसे देना ही पडेगा। अगर कोई व्यक्ति किसी कारण वश किये गये कर्म को अपने जीवन काल मे भोग नही पाया तो उसके बच्चों को वह किया गया कर्म भोगना पडेगा। बाप ने अगर पाप किया है तो पुत्र को उसका फल भोगना पडेगा राजा।
जब तक कर्म फल पूरे नही होते तब तक इस जीवात्मा को पॄथ्वी पर बारबार जन्म लेना पडेगा और अन्तत: अपने कर्म फल को पूर्ण करना पडेगा ।
” कबीरा तेरी झोपडी, गल कटीयन के पास। जैसी करनी वैसे भरनी, तू क्यों भया उदास।।”
आज अपने प्रभु से मन वाणी और कर्म मे सतत् चिंतन मनन की सद्बुद्धि देने की अलौकिक प्रार्थना के साथ।
आज का पंचांग
सोमवार, फरवरी 26, 2024
सूर्योदय: 07:01 ए एम
सूर्यास्त: 06:15 पी एम
तिथि: द्वितीया – 11:15 पी एम तक
नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी – 04:31 ए एम, फरवरी 27 तक
योग: धृति – 03:27 पी एम तक
करण: तैतिल – 09:55 ए एम तक
द्वितीय करण: गर – 11:15 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: माघ
पूर्णिमान्त महीना: फाल्गुन
चन्द्र राशि: सिंह – 08:11 ए एम तक
सूर्य राशि: कुम्भ
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।