पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज गुरुवार का दिन है। पंचांग के अनुसार, आज वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की तीसरी तिथि है। आज 14 गते वैशाख है।
भगवान श्रीकृष्ण ने बताया पाप से बचने का उपाय
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में जीवन के हर पहलुओं पर बात की है। उन्होंने अर्जुन द्वारा पूछे गए हर सवालों का जवाब दिया है, उसकी हर जिज्ञासा को शांत किया है। अर्जुन की जिज्ञासा या सवाल आज के कई लोगों के मन में भी हैं और इसलिए उन्हें उसका जवाब जानने के लिए गीता पढ़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि गीता का ज्ञान आज भी प्रासंगिक है। जब अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछा कि मनुष्य न चाहते हुए भी कौन-सी शक्ति से प्रेरित होकर अनुचित कार्य कर बैठता है, यानि पाप कर बैठता है?
इसके जवाब में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि पाप होने का कारण कामना है। व्यक्ति की वासनाएँ और निहित स्वार्थ के चलते ही वह पाप करने के लिए विवश हो जाता है। उसकी लालसा ही सम्पूर्ण पापों और दुःखों की जड़ है।
अगर गीता में कही ये बातें जान लेंगे, तो अपने प्रेमी या ईश्वर के लिये अपने प्रेम की भावना …
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं-
‘त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः। कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्’।।
अर्थात्, काम, क्रोध तथा लोभ, ये तीन प्रकार के नरक के द्वार, आत्मा का नाश करने वाले और मनुष्य को अधोगति में ले जाने वाले हैं। मनुष्य की आसक्तियाँ और वासनाएँ उसके ज्ञान को ढक देती हैं। इस कारण से व्यक्ति पाप करने को मजबूर हो जाता है। वहीं, क्रोध से भ्रम पैदा होता है, जिसके कारण सबसे पहले मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है। यही मनुष्य के विनाश का कारण बनती है। इसलिए इन तीनों को त्याग देना चाहिए।
पाप करने से बचने के उपाय भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में इन पापों से बचने के उपाय भी बताए हैं। व्यक्ति को आसक्ति या विरक्ति के प्रभाव के अधीन नहीं होना चाहिए। जब किसी व्यक्ति में आसक्ति और विरक्ति का अभाव होता है, तब उस जीवन को ही उत्तम माना जाता है। मनुष्य का लालच उसके ज्ञान को ढंक देता है, कुछ पाने की लालसा मन में लालच और न मिलने पर क्रोध और उत्तेजना पैदा करती है और इसके प्रभाव में वह गलत-सही का भेद भूल जाता है। फिर वह पाप के अधीन हो जाता है।
तिथि | द्वितीया | 07:45 तक |
नक्षत्र | अनुराधा | 27:33 तक |
प्रथम करण | गर | 07:45 तक |
द्वितीय करण | वणिज | 20:03 तक |
पक्ष | कृष्ण | |
वार | शुक्रवार | |
योग | वरीघा | 28:12 तक |
सूर्योदय | 05:48 | |
सूर्यास्त | 18:49 | |
चंद्रमा | वृश्चिक | |
राहुकाल | 10:30 − 12:00 | |
विक्रमी संवत् | 2081 | |
शक संवत | 1944 | |
मास | वैशाख | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 11:52 − 12:45 |
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।