आज का पंचांग: 30 अप्रैल, परीक्षाफल नहीं जीवन की कसौटी

पंडित उदय शंकर भट्ट

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आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज गुरुवार का दिन है। आज 18 गते वैशाख है। आज का राहुकाल 3:00 से 4:30 बजे तक रहेगा।

आज का पंचांग

मंगलवार, अप्रैल 30, 2024
सूर्योदय: 05:41
सूर्यास्त: 18:56
तिथि: षष्ठी – 07:05 तक
नक्षत्र: उत्तराषाढा – 04:09, मई 01 तक
योग: साध्य – 22:24 तक
करण: वणिज – 07:05 तक
द्वितीय करण: विष्टि – 18:28 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: चैत्र
पूर्णिमान्त महीना: वैशाख
चन्द्र राशि: धनु – 10:36 तक
सूर्य राशि: मेष

परीक्षाफल नहीं जीवन की कसौटी

असफलताओं से हार मानकर बैठ जाया तो नहीं करते, मुश्किले हौसलों का इम्तिहान लेती है, जिदंगी का सफर बस यहीं तक नहीं, सुनहरी राहे बांहे फैलाए आगे खड़ी है..कुछ इस अंदाज में परीक्षाफल का इंतजार कर रहे बच्चों को हर स्थिति में आत्मविश्वास से भरा रहना चाहिए। आज से बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षाफल दौर शुरू हो गया है। मनोचिकित्सक और शिक्षिकाएं मानती हैं कि इस समय परिवार और अभिभावकों का स्पोर्ट बच्चों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं।

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बच्चों को दबाव में न आने दे : परीक्षाफल का इंतजार कर रहे बच्चों में अभिभावकों ने इस कदर सकारात्मकता जगानी चाहिए कि वह किसी भी परिस्थिति में निराशा या दबाव में न आएं। इस दौर में अभिभावकों का सहयोग व समझदारी बच्चे को मुश्किल परिस्थिति में भी हौसला नहीं हारने दी। साथ ही अभिभावक बच्चों से अपेक्षाएं न पाले। परीक्षाफल में कम अंक आने या फेल होने के बाद भी बच्चे के मनोबल को ऊंचा रखने के प्रयास करें।

बच्चे को महसूस कराएं.. : मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि अक्सर अभिभावकों की अपेक्षाओं से बच्चों की सेल्फ स्टीम लो हो जाती है। इससे उसमें आत्मविश्वास की भी कमी होती है। बच्चे को बचपन से ही आत्मविश्वासी बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए। बच्चे की किसी अन्य बच्चे के साथ तुलना से बचे। उस पर अधिक एकेडमिक लोड न डाले। यहीं नहीं, बच्चे के लिए कुछ करें तो उस पर इसका अहसान कभी न जताएं। ये बात हर उम्र में बच्चों के लिए लागू होती है। परीक्षाफल का आना उसके जीवन में खुशी की तरह हो, न कि नाहक दबाव से वह अपनी जिंदगी दूभर कर ले। इस दौरान बच्चे को समय दें, उसे ये महसूस कराएं की उससे प्यारा कुछ नहीं। इससे बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ेगा, नंबर कम आने पर भी वह हतोत्साहित नहीं होगा और वह अपने बनाए बैक अप प्लान पर ध्यान दे पाएगा।

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महान आविष्कारक भी हुए है असफल : बच्चे से इतना कहें कि तुमने मेहनत की हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रहे, परीक्षाफल कैसा भी आए उसकी चिंता न करें। यहीं नहीं उन्हें आइंस्टीन, एडीसन जैसे महान अविष्कारकों के जीवन के बारे में बता कर प्रेरित कर सकते हैं। आइंस्टीन स्कूल से ड्राप आउट थे तो एडीसन को उनके शिक्षकों ने मूर्ख करार दिया था। इसके बाद भी इन दोनों महान वैज्ञानिकों ने मेहनत के बल पर अविष्कार कर डाले।

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