पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रही है। आज चैत मास की 21 गते है।
आज का पंचांग
नई दिल्ली, भारत
बृहस्पतिवार, अप्रैल 4, 2024
सूर्योदय: 06:07 ए एम
सूर्यास्त: 06:41 पी एम
तिथि: दशमी – 04:14 पी एम तक
नक्षत्र: श्रवण – 08:12 पी एम तक
योग: सिद्ध – 01:16 पी एम तक
करण: विष्टि – 04:14 पी एम तक
द्वितीय करण: बव – 02:54 ए एम, अप्रैल 05 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
अमान्त महीना: फाल्गुन
पूर्णिमान्त महीना: चैत्र
चन्द्र राशि: मकर
सूर्य राशि: मीन
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2081 पिङ्गल
आज का विचार
कोई प्रशंसा करे या फिर निंदा करे। दोनों में लाभ हमारा ही तो है। क्योंकि, प्रशंसा प्रेरणा देती है और निंदा सावधान होने का अवसर। ॥
आज का भगवद् चिन्तन
गीता जी की शरण में कर्तव्य बोध
असमंजस में पड़ा प्रत्येक व्यक्ति ही अर्जुन है। मनुष्य मन की वह स्थिति जब वो किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है उसी का प्रतिकात्मक रूप अर्जुन है। जीवन में जब – जब अनिर्णय की स्थिति में पहुँच जाओ और विवेक आपका साथ ना दे रहा हो कि आखिर कौन से मार्ग पर आगे बढ़ा जाए..? तो तब – तब आप गीता जी की शरण में चले जाना।
गीता जी हमें प्रत्येक अनिर्णय की स्थिति से बाहर निकालकर वास्तविक एवं श्रेष्ठ कर्तव्य का बोध कराती है। गीता की शरण में जाने के बाद अर्जुन ने कहा कि मेरा मोह नष्ट हो गया है और मैंने अपनी उस स्मृति को प्राप्त कर लिया है जो मुझे मेरे कर्तव्य पथ का बोध कराती है।
ठीक इसी प्रकार अर्जुन की ही तरह गीता जी द्वारा अपने प्रत्येक शरणागत जीव के संशयों का नाश कर उसे उसकी वास्तविक स्थिति एवं कर्तव्यों का बोध कराया जाता है। जीवन के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन का नाम ही श्रीमद्भगवद्गीता है।
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।