पंडित उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रही है। आज फाल्गुन मास की 21 गते है।
आज का पंचांग
सोमवार, मार्च 4, 2024
सूर्योदय: 06:55 ए एम
सूर्यास्त: 06:13 पी एम
तिथि: अष्टमी – 08:49 ए एम तक
नक्षत्र: ज्येष्ठा – 04:21 पी एम तक
योग: वज्र – 04:06 पी एम तक
करण: कौलव – 08:49 ए एम तक
द्वितीय करण: तैतिल – 08:32 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: माघ
पूर्णिमान्त महीना: फाल्गुन
चन्द्र राशि: वृश्चिक – 04:21 पी एम तक
सूर्य राशि: कुम्भ
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
आज का विचार
पैर में से काँटा निकल जाए तो, चलने में मज़ा आ जाता है, और मन में से अहंकार निकल जाए तो जीवन जीने में मज़ा आ जाता है।
आज का भगवद् चिंतन
गोस्वामीजी कहते हैं कि भगवान राम साक्षात ब्रह्म हैं। लेकिन जब जन्म लेते हैं तो आपको रामायण में श्रीराम का चरित्र मिलेगा और जहाँ पर आपको श्रीराम का चरित्र मिले, वहाँ आप उनके चरित्र से सीखिए। परन्तु रामायण में भगवान राम का केवल मानवीय चरित्र हीं नहीं बल्कि उसमें एक ओर यदि श्रीराम का मनुष्यत्व मिलेगा तो दूसरी ओर ईश्वरत्व का भी दर्शन आपको होगा।
भगवान राम ने क्या किया? इसका उत्तर देते हुए गोस्वामीजी ने ठीक वही वाक्य कहा जो अभी आपसे कह रहा हूँ। वे कहते हैं कि ‘चरित करत नर अनुहरत’ किसलिए ? बोले ‘ संसृति सागर सेतु’ भगवान राम ने अपने अवतार के द्वारा एक पुल बनाया था तथा उस पुल के द्वारा ईश्वर और मनुष्य को जोड़ दिया। ईश्वर होते हुए भी मनुष्य बने तथा मनुष्य के रूप में चरित्र किया। और चरित्र करते हुए, मनुष्य के जीवन में जो समस्याएँ होती हैं उनको उन्होंने अपने जीवन में स्वीकार किया और मनुष्य के रूप में, मानवीय समस्याओं को किस प्रकार सुलझाया जाय उसे प्रस्तुत किया।
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।