पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी है, यही मंगलमयी है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रही है। आज चैत मास की 23 गते है। आज शनि प्रदोष व्रत है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शनि प्रदोष की पूजा की जाती है। हर माह में प्रदोष व्रत दो बार पड़ते हैं। लेकिन, प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ता है तो उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। इस बार शनि प्रदोष का व्रत 6 अप्रैल यानी आज रखा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और शनिदेव की उपासना की जाती है।
आज का पंचांग
शनिवार, अप्रैल 6, 2024
सूर्योदय: 06:05
सूर्यास्त: 18:42
तिथि: द्वादशी – 10:19 तक
नक्षत्र: शतभिषा – 15:39 तक
योग: शुभ – 06:15 तक
क्षय योग: शुक्ल – 02:20, अप्रैल 07 तक
करण: तैतिल – 10:19 तक
द्वितीय करण: गर – 20:38 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: फाल्गुन
पूर्णिमान्त महीना: चैत्र
चन्द्र राशि: कुम्भ
सूर्य राशि: मीन
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2081 पिङ्गल
आज का विचार
जो व्यक्ति अपनी सोच नहीं बदल सकता, वह वास्तव में कुछ नही बदल सकता। सच्चे लोग तारीफ के मोहताज नहीं होते क्योंकि फूलों पर कभी इत्र नहीं लगाया जाता।
आज का भगवद् चिंतन
प्रार्थना का बल
निष्कपट मन से की गई प्रार्थनाएं कभी व्यर्थ नहीं जाया करती हैं। जीवन पथ पर जब परिणाम हमारी आशा के विपरीत हों और हमारे हाथों में कुछ भी न हो तो उन क्षणों में प्रभु से की गई प्रार्थना हमारे आशा के दीपक को प्रदीप्त रखती है। प्रार्थना के लिए एक मंदिर का होना जरूरी नहीं मगर एक स्वच्छ मन का होना बहुत जरूरी है। जीवन में सदा परिणाम उस प्रकार नहीं आते जैसा कि हम सोचते और चाहते हैं।
किसी भी कर्म का परिणाम मनुष्य के हाथों में नहीं है लेकिन प्रार्थना उसके स्वयं के हाथों में होती है। प्रार्थना व्यक्ति के आत्मबल को मजबूत करती है और प्रार्थना के बल पर ही व्यक्ति उन क्षणों में भी कर्म पथ पर डटा रहता है जब उसे ये लगने लगता है कि अब हार सुनिश्चित है।आप प्रार्थना करना सीखिए, प्रार्थना आपको आशावान बनाकर तब भी पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना सीखाएगी जब घोर निराशा के बादल आपके चारों ओर मँडरा रहे हों।
प्राणियों में सद्भावना हो,
विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।