उदय शंकर भट्ट
सुप्रभातम्,
आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज बुधवार को भी प्रस्तुत कर रहा है आपके लिए पंचांग, जिसको देखकर आप बड़ी ही आसानी से पूरे दिन की प्लानिंग कर सकते हैं।
आज का विचार
बहुत बार जीवन में हमारी अपेक्षा के अनुरूप फल की प्राप्ति नहीं हो पाती है। अपेक्षा के अनुरूप फल की प्राप्ति न हो पाना ही हमारे जीवन में दुःखों का एक प्रमुख कारण भी है।
आज का भगवद् चिन्तन
सुख भीतर की संपदा
हमारा सुख इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हम कितने धनवान हैं अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितने धैर्यवान हैं। सुख अथवा प्रसन्नता किसी व्यक्ति की स्वयं की मानसिकता पर निर्भर करता है। असंतोषी व्यक्ति को जीवन में कभी सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती। सुख का अर्थ कुछ पा लेना नहीं अपितु जो है उसमे संतोष कर लेना है।
जीवन में सुख तब नहीं आता जब हम कुछ पा लेते हैं अपितु तब आता है, जब सुख पाने का भाव हमारे भीतर से चला जाता है।
सोने के महल में भी आदमी दुःखी रह सकता है यदि पाने की इच्छा समाप्त ना हुई हो और झोपड़ी में भी आदमी परम सुखी हो सकता है यदि ज्यादा पाने की लालसा मिट गई हो। सुख बाहर की नहीं, भीतर की संपदा है। यह संपदा धन से नहीं धैर्य से प्राप्त होती है।
आज का पंचांग
बुधवार, फरवरी 7, 2024
सूर्योदय: 07:06
सूर्यास्त: 18:05
तिथि: द्वादशी – 14:02 तक
नक्षत्र: पूर्वाषाढा – 04:37, फरवरी 08 तक
योग: वज्र – 02:53, फरवरी 08 तक
करण: तैतिल – 14:02 तक
द्वितीय करण: गर – 00:43, फरवरी 08 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: धनु
सूर्य राशि: मकर
शक सम्वत: 1945 शोभकृत्
विक्रम सम्वत: 2080 नल
धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो।
प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो।
गौ माता की जय हो।