आज का पंचांग: आत्म चिंतन करें, हम कहां भागे जा रहे हैं

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

सनातन धर्म में सरल शास्त्रोक्त कल्याण का उपाय उपलब्ध है, फिर भी न जानें क्यों कुछ लोग शास्त्रोक्त ईश्वर उपासना का त्याग कर मूर्ख की भांति भीड में भेड बकरी बने हुए है।

शास्त्रोक्त मार्ग का आचरण कर घर में बैठकर भगवान की भक्ति की जा सकती है। परन्तु धर्म के नाम पर पनप रहा अधर्म, भगवान के नाम पर मनगढ़ंत देवी देवता, नये-2 भगवान बने हुए छद्मधारी अवतारी पुरूष और अशास्त्रीय मंत्र, छद्म भूतकाल भविष्य काल बताने वाले त्रिनेत्रधारी पाखण्डी बाबा – इनके पीछे सनातन धर्म का शास्त्रोक्त मार्ग छोडकर भीड में भेड बकरी बनने का कलियुगी प्रचलन का अंत किसी से छुपा नहीं है। दुःख मनाने से अधिक आवश्यक है कि, आत्म चिंतन करे कि, हम कहां भागे जा रहे हैं।

भगवद्गीता का वचन है, भगवान की वाणी है :

यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः।

न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम् ।।16.2311

– जो पुरुष शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी निम्न कामनाओं से प्रेरित होकर ही अशास्त्रीय आचरण अथवा कार्य करता है, वह न सिद्धि (सफलता) प्राप्त करता है, न सुख और न परम गति को प्राप्त होता है। अर्थात दुर्गति को जाता है।

आज का विचार

मनुष्य गलती करके उतने दुःखी नहीं होता, जितना की उसके बारे में सोच कर होता है

आज का भगवद् चिन्तन

आलस्य भी शत्रु है

“आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः” बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि जिस प्रकार वह शत्रु से सावधान रहता है, उसी प्रकार आलस्य से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। मनुष्‍य जीवन के प्रगति मार्ग में सबसे बड़ा शत्रु उसका आलस्य ही होता है। जिस प्रकार शत्रु के आक्रमण से रक्षा के लिए सतर्क रहते हैं, उसी प्रकार आलस्य के आक्रमण से बचने के लिए भी सदैव सावधानी बरतनी चाहिए।

आलसी व्‍यक्ति सदैव भाग्‍य को दोष देकर पछताता रहता है। जिसके जीवन में आलस्य है उसके पास भाग्य को कोसने के अलावा कुछ बचता भी नहीं एवं जिसके जीवन में पुरुषार्थ है उसके जीवन में भाग्य को दोष देने का समय ही नहीं बचता है। जो आलस्य से शत्रु के समान दूरी रखता है और पुरुषार्थ को अपना मित्र समझकर पास में रखता है, ऐसा मनुष्य अपने भाग्य का नव निर्माण स्वतः कर लेता है।

आज का पंचांग

सोमवार, जुलाई 15, 2024
सूर्योदय: 05:33 ए एम
सूर्यास्त: 07:21 पी एम
तिथि: नवमी – 07:19 पी एम तक
नक्षत्र: स्वाती – 12:30 ए एम, जुलाई 16 तक
योग: सिद्ध – 07:00 ए एम तक
करण: बालव – 06:26 ए एम तक
द्वितीय करण: कौलव – 07:19 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: आषाढ़
पूर्णिमान्त महीना: आषाढ़
चन्द्र राशि: तुला
सूर्य राशि: मिथुन
शक सम्वत: 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत: 2081 पिङ्गल

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