पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज का भगवद् चिन्तन
सहनशीलता अपनायें
केवल चाहने मात्र से जीवन कभी भी सम्मानीय एवं अनुकरणीय नहीं बन जाता है। सहनशीलता का गुण ही किसी जीवन को सत्कार के योग्य बना देता है। सम्मानपूर्ण जीवन के लिए इच्छा से अधिक तितिक्षा की आवश्यकता होती है। यदि जीवन में सहनशीलता होगी तो व्यक्ति घर-परिवार अथवा समाज में स्वतः ही सबका प्रिय बन जाता है।
महान वो नहीं जिसके जीवन में सम्मान हो अपितु वो है, जिसके जीवन में सहनशीलता हो क्योंकि सहनशीलता ही तो साधु पुरुषों का आभूषण है। सम्मान मिलना गलत भी नहीं लेकिन मन में सम्मान की चाह रखना अवश्य श्रेष्ठ पुरुषों के स्वभाव के विपरीत है। किसी के जीवन की श्रेष्ठता का मूल्यांकन इस बात से नहीं होता कि उसे कितना सम्मान मिल रहा है अपितु इस बात से होता है कि वह व्यक्ति कितने सम्मान से जी रहा है।
जिस प्रकार सूर्य से किरण अलग होकर पूरे जगत में फैल जाती है, वैसे ही जीव भी अनादि काल से ब्रह्म से अलग हो गया है।बादलो मे पानी बिल्कुल साफ विशुद्ध रहता है,उनमे क्षोभ होने से बूंद अलग होकर पृथ्वी पर गिरती है। आकाश से पृथ्वी पर आने तक उसमें (बीच में) ऑक्सीजन – नाइट्रोजन आदि तत्त्व मिल जाते हैं । पृथ्वी को छूते ही यह बूदे मिट्टी में मिलकर मलीन हो जाती है।फिर से दोबारा सूर्य की प्रखर किरणों के ताप से बाष्पीकरण होता है, तो उसकी उर्ध्व गति होती है और बादल के रूप में वह जल पुनः अपने असली स्थान पर पहुंचकर शुद्ध और पवित्र हो जाता है । इसी प्रकार ब्रह्म से जीव अलग हो गया है, वह जगत की माया के संपर्क में आकर अविद्या वश मलीन हो गया है ।
गोस्वामी तुलसीदास जी रामायण में यह बात एक ही पंक्ति में समझाते हैं-… भूमि परत भा डाबर पानी। जिमि जीवहि माया लपटानी ॥ पृथ्वी पर पडते ही पानी गंदला हो गया, जैसे शुद्ध जीव को माया लिपट गई हो। जब जीव को समर्थ सद्गुरु का मार्गदर्शन मिलता है, तब ही उसे सच्चे ब्रह्म स्वरूप का ज्ञान होता है और वह कर्मों के भय से मुक्त हो जाता है।
आज का पंचांग
रविवार, नवम्बर 10, 2024
सूर्योदय: 06:40 ए एम
सूर्यास्त: 05:30 पी एम
तिथि: नवमी – 09:01 पी एम तक
नक्षत्र: धनिष्ठा – 10:59 ए एम तक
योग: ध्रुव – 01:42 ए एम, नवम्बर 11 तक
करण: बालव – 09:57 ए एम तक
द्वितीय करण: कौलव – 09:01 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: कुम्भ
सूर्य राशि: तुला