पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आश्विन माह और षष्ठी तिथि का श्राद्ध है।
श्राद्धपक्ष एक ऐसी छोटी-सी यात्रा है, जिसमें हम अपनी जड़ों की ओर लौट सकते हैं। बाहरी आलस्य हमारे परिश्रम को प्रभावित करता है। शरीर काम करने में रुचि नहीं लेता। एक भीतरी आलस्य भी होता है, जिसमें मन निष्क्रिय हो जाता है। और जैसे ही मन निष्क्रिय होता है, हमारे लिए अपने पितरों की ओर चलना आसान है।
पितरों से जुड़ने का मतलब अगला कदम परमात्मा है। एक दार्शनिक ने कहा था, जो अपने माता-पिता और पितरों से नहीं जुड़ा, वो परमात्मा से भी नहीं जुड़ सकता। ईश्वर सबका पिता होता है। परमशक्ति सबकी मां होती है। हम पितृपक्ष में अपने पितरों को इसलिए याद करते हैं।
श्राद्धपक्ष में जो कर्मकांड होता है, उस पर बहस बिल्कुल मत करिए। क्योंकि इससे कुछ निष्कर्ष निकलने वाला नहीं है। प्रयास इस बात का करिए कि अपने भीतर उतरें और पितरों के माध्यम से परमात्मा से जुड़ें। परमात्मा से जुड़ने का मतलब है, हर काम करते हुए खुश रहना।
गलत काम करने की इच्छा ना होना। दूसरों की मदद करना। इसलिए पितृपक्ष में जो अच्छे भाव हमारे भीतर उतर सकते हैं, उनसे जुड़ें। श्राद्धपक्ष एक अलग ढंग के अच्छे दिन होते हैं। पूरी तन्मयता से पितरों को याद करें।
आज का विचार
सैंकड़ो अक्लमंद मिलते हैं, चंद लोग काम के भी मिलते है। परंतु जब मुसीबत आती हैं, तब भगवान के सिवाय सबके दरवाजे बंद मिलते हैं।
आज का भगवद् चिंतन
उपेक्षा से बचें
उपेक्षा किसी के जीवन को विषादग्रस्त बना देती है इसलिए दूसरों की उपेक्षा करने से सदैव बचना चाहिए। जब आप दूसरों के लिये जीना सीख लेते हैं तो दूसरे भी आपके लिये जीने लग जाते हैं। वृक्ष भी फल तभी दे पाते हैं जब आप उनकी अच्छे से परवरिश करते हैं। जिस दिन आपके मन में उनके लिए उपेक्षा का भाव आ जायेगा तो वो भी आपको अपनी शीतल छाया और मधुर फलों से वंचित कर देंगें।
आप दूसरों के लिए अच्छा सोचो, आप दूसरों के लिए जीना सीख लो, हजारों-लाखों होंठ प्रतिदिन आपके लिए प्रार्थना करने को आतुर रहेंगे। दूसरों की उपेक्षा करने की अपेक्षा जब तक आपका जीवन परोपकार और परमार्थ में संलग्न रहेगा तब तक आपकी प्रतिष्ठा और उपयोगिता दोनों बनी रहेगी। परमार्थ ही प्रतिष्ठा को जन्म देता है। जो उपयोगी होता है वही मूल्यवान भी होता है, यही प्रकृति का शाश्वत नियम है।
आज का पंचांग
सोमवार, सितम्बर 23, 2024
सूर्योदय: 06:10 ए एम
सूर्यास्त: 06:16 पी एम
तिथि: षष्ठी – 01:50 पी एम तक
नक्षत्र: रोहिणी – 10:07 पी एम तक
योग: सिद्धि – 03:10 ए एम, सितम्बर 24 तक
करण: वणिज – 01:50 पी एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 01:09 ए एम, सितम्बर 24 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: भाद्रपद
पूर्णिमान्त महीना: आश्विन
चन्द्र राशि: वृषभ
सूर्य राशि: कन्या