पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज सावन की 21 गते है।
सृजनात्मक दृष्टिकोण से करें स्पर्धा
संसार में सफलता अर्जित करने वाले लोग भी अशांत क्यों हो जाते हैं? जो लोग सतत सक्रिय रहते हैं, वो भी सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसी बहुत सारी परेशानियां हैं, जिसको हम दुनियादारी कहते हैं। शास्त्रों में अलग-अलग ढंग से एक बात आई है, संत चित्त रखते हुए संसार में जिंदगी बिताई जाए। तो संत चित क्या होता है?
प्रश्न पूछ रहे थे भरत, उत्तर दे रहे थे श्रीराम। संतों के लक्षण बताते हुए श्रीराम ने कहा था, ‘मन बच क्रम मम भगति अमाया’। ‘वो दीनों पर दया करते हैं और मन, वचन और कर्म से मेरी विशुद्ध भक्ति करते हैं’।
जो मन, वचन, कर्म में एक हो गया हो, उसको दुनिया में फिर कोई अशांत नहीं कर सकता। आगे राम ने कहा, ‘सांति बिरति बिनती मुदितायन’। ‘संत लोग शांति, वैराग्य, विनय और प्रसन्नता के घर होते हैं’। शब्द आया है मुदितायन यानी प्रसन्नता का घर। हम जितने काम करते हैं, वो शांति और प्रसन्नता के लिए होते हैं, पर हो जाते हैं पर हो जाते हैं परेशान।
इसलिए संतों का चित्त भीतर उतारिए। कोई वेश नहीं बदलना है, न ही माथे पर तिलक लगाना है। एक ही काम करिए – मन, वचन और कर्म में एक हो जाएं। इससे श्रम सृजनात्मक हो जाएगा। और जब हम सृजनात्मक दृष्टिकोण से स्पर्धा करेंगे तो हम खूब सफल होंगे और उतने ही प्रसन्न और शांत चित भी रहेंगे।
आज का पंचांग
मंगलवार, अगस्त 6, 2024
सूर्योदय: 05:45 ए एम
सूर्यास्त: 07:08 पी एम
तिथि: द्वितीया – 07:52 पी एम तक
नक्षत्र: मघा – 05:44 पी एम तक
योग: वरीयान् – 11:00 ए एम तक
करण: बालव – 06:54 ए एम तक
द्वितीय करण: कौलव – 07:52 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: श्रावण
पूर्णिमान्त महीना: श्रावण
चन्द्र राशि: सिंह
सूर्य राशि: कर्क