पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आश्विन माह और नवमी तिथि का श्राद्ध है।
आज का विचार
मनुष्य के चेहरे पर जो भाव उसकी आँखों के द्वारा प्रकट होते हैं, वे उसके मन की अनुकृति होते हैं। उन्हें देवता भी नहीं छुपा सकते।
आज का भगवद् चिन्तन
मन की विवशता
यदि आपका मन शांत नहीं है तो हिमालय की शांति भी आपके जीवन को अशांत करने वाली प्रतीत होगी। अशांति कहीं और से नहीं आती, भीतर से आती है, इसका जन्मदाता आपका मन ही है। जिसने मन को साध लिया वही तो साधु है। निरन्तर अभ्यास से इस मन को नियंत्रित किया जा सकता है। जो भीतर शांत है उसके लिए बाहर भी सर्वत्र शांति ही है। जिसका मन वश में नहीं है वही तो विवश है।
मन न तो कभी तृप्त होता है और न ही एक क्षण के लिए शांत बैठता है। यह अभाव और दुःख की ओर बार- बार ध्यान आकर्षित कराता रहता है। कभी कहीं आपको यथोचित सम्मान न मिला तो अकारण ही यह बार-बार अपमान होने का अहसास कराता रहेगा। मन सदैव अहम का पोषण चाहता है क्योंकि जहाँ मनुष्य के अहम को ठेस पहुँचती है वहीं मन दुःखी हो जाता है। मन को साध लेना ही जीवन की साधना है।
आज का पंचांग
बृहस्पतिवार, सितम्बर 26, 2024
सूर्योदय: 06:12 ए एम
सूर्यास्त: 06:13 पी एम
तिथि: नवमी – 12:25 पी एम तक
नक्षत्र: पुनर्वसु – 11:34 पी एम तक
योग: परिघ – 11:41 पी एम तक
करण: गर – 12:25 पी एम तक
द्वितीय करण: वणिज – 12:48 ए एम, सितम्बर 27 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
पूर्णिमान्त महीना: आश्विन
चन्द्र राशि: मिथुन – 05:13 पी एम तक
सूर्य राशि: कन्या