पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
मनुष्य का शरीर सौभाग्य से मिला है। जो इसका दुरुपयोग करते हैं या ऐसे लोगों के जीवन में जब परेशानी आती है तो वो दोष दूसरों पर मढ़ देते हैं। राम भरत को बता रहे थे- ‘सो परत्र दुख पावइ सिर धुनि धुनि पछिताई। कालहि कर्महि ईस्वरहि मिथ्या दोष लगाइ’। ‘वह परलोक में दुख पाता है, सिर पीट-पीटकर पछताता है और अपना दोष न समझकर काल पर, कर्म पर और ईश्वर पर मिथ्या दोष लगाता है।’
बहुत सारे लोगों की ये आदत बन जाती है। गलती भले अपनी हो पर दूसरों को दोषी बनाते हैं। हमें मनुष्य का शरीर मिला है, तो हमें दोनों हाथों का उपयोग करना आना चाहिए। हाथों की कला रसोइयों से सीख सकते हैं। भोजन सामग्री वही हो, पर रसोइयों के हाथ बदल जाते हैं तो स्वाद बदल जाता है।
रसोइया भी जानता है कि भोजन में मसाला मिलाने का गुर यदि आ गया तो स्वाद आ जाएगा। इसलिए हाथ, मात्रा और आंच का संतुलन अच्छे रसोइयों की पहचान है। इसी तरह हमें भी जीवन में कई परिस्थितियों में रसोइयों की भूमिका निभाना पड़ती है।
उसी परिस्थिति में कोई दुखी होकर टूट जाएगा और उसी परिस्थिति में हमें धैर्य रखकर सफलता पानी है। यदि चूक भी हो जाए तो पहले खुद का मूल्यांकन करें, फिर दूसरों की सोचें। दूसरों को दोष देकर कुछ हासिल नहीं होगा।
आज का भगवद् चिंतन
किसी की उपेक्षा न करें
आपके द्वारा की गई उपेक्षा किसी के जीवन को विषादग्रस्त बना देती है इसलिए दूसरों की उपेक्षा करने से सदैव बचना चाहिए। दूसरों के लिये जीना सीखो तो दूसरे भी आपके लिये जीने लग जायेंगे। वृक्ष भी फल तब ही दे पाते हैं जब आप उनकी अच्छे से परवरिश करते हैं। जिस दिन आपके मन में उनके लिए उपेक्षा का भाव आ जायेगा तो वो भी आपको अपनी शीतल छाया और मधुर फलों से वंचित कर देंगें।
दूसरों की उपेक्षा करने की अपेक्षा दूसरों का सहयोग करना हमें अधिक मानवीय बनाता है। जब तक आपका जीवन परोपकार और परमार्थ में संलग्न रहेगा तब तक आपकी प्रतिष्ठा और उपयोगिता दोनों बनी रहेगी। परमार्थ ही प्रतिष्ठा को जन्म देता है। आप दूसरों के लिए अच्छा सोचो, आप दूसरों के लिए जीना सीखो लाखों होंठ प्रतिदिन आपके लिए प्रार्थना करने को आतुर रहेंगे।
आज का पंचांग
सोमवार, नवम्बर 25, 2024
सूर्योदय: 06:52 ए एम
सूर्यास्त: 05:24 पी एम
तिथि: दशमी – 01:01 ए एम, नवम्बर 26 तक
नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी – 01:24 ए एम, नवम्बर 26 तक
योग: विष्कम्भ – 01:12 पी एम तक
करण: वणिज – 11:39 ए एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 01:01 ए एम, नवम्बर 26 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: सोमवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि: कन्या
सूर्य राशि: वृश्चिक