आज का पंचांग: आराधना का स्वरुप

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

आंगन में रंगोली बनाने से घर के आसपास का वातावरण सकारात्मक और पवित्र बना रहता है। रंगोली के अलग-अलग रंग उत्सव के लिए उत्साह बढ़ाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार रंगोली हमारे से जुड़े कई वास्तु दोषों को भी शांत करती है।

• रंगोली बनाने से तनाव दूर होता है। रंगोली बनाना एक रचनात्मक काम है और जो लोग ये काम करते हैं, उन्हें पूरी एकाग्रता और सावधानी बनाए रखनी होती है। जब हम किसी काम को एकाग्रता के साथ करते हैं तो हमारा तनाव दूर होता है, दिमाग में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं।

• रंगों का सही तालमेल होने से रंगोली सुंदर बनती है और जो लोग रंगोली के रंगों का सुंदर संयोजन देखते हैं, उन्हें प्रसन्नता मिलती है। रंगोली बनाने के साथ ही रंगोली को ध्यान से देखने से भी तनाव दूर होता है।

आज का पंचांग

शनिवार, अक्टूबर 26, 2024
सूर्योदय: 06:29
सूर्यास्त: 17:41
तिथि: दशमी – 29:23+ तक
नक्षत्र: अश्लेशा – 09:46 तक
योग: शुक्ल – 29:58+ तक
करण: वणिज – 16:19 तक
द्वितीय करण: विष्टि – 29:23+ तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: आश्विन
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: कर्क – 09:46 तक
सूर्य राशि: तुला

आज का भगवद् चिन्तन

आराधना का स्वरुप

मंदिर में पूजा करने के साथ-साथ अपने प्रत्येक कर्म को भी पूजा बनाना सीखिए। जीवन को इतनी निष्ठा, दिव्यता एवं उच्चता के साथ जिया जाना चाहिए कि हमारा प्रत्येक कर्म ही धर्म बन जाए। धर्म को कर्म से अलग करने जैसा भी नहीं है। धर्म को अलग से करने की अपेक्षा हमारा प्रत्येक कर्म ही धर्ममय बन जाए इस बात के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए।

हमारा बोलना, सुनना, देखना और सोचना प्रत्येक आचरण इतना विवेकपूर्ण, ज्ञानमय एवं मर्यादित हो कि ये सब अनुष्ठान जैसे ही लगने लग जाएँ। धर्म के लिए अलग से कर्म करने की आवश्यकता नहीं है अपितु जो हो रहा है, उसी को ऐसे पवित्र भाव से करें कि वही धर्म बन जाए। हमारा प्रत्येक कर्म, हमारा व्यवहार एवं हमारा आचरण धर्ममय बन सके यही तो प्रभु आराधना का स्वरूप है।

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