पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। ये समय ऋतु परिवर्तन का है। वर्षा ऋतु खत्म हो गई है और शीत ऋतु की शुरुआत हो रही है। इन दिनों में सुबह जल्दी जागना चाहिए और स्नान के बाद सूर्य पूजा के साथ दिन की शुरुआत करनी चाहिए। सुबह देर तक सोने से दिनभर आलस बना रहता है। ठंड के दिनों में सुबह जल्दी उठेंगे तो आलस दूर होगा। सुबह-सुबह की ताजी हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है। सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें चावल, कुमकुम, लाल फूल डालें। ऊँ सूर्याय नमः मंत्र जपते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। सुबह कुछ देर सूर्य की रोशनी में खड़े रहने से शरीर को विटामिन डी मिलती है।
आज का पंचांग
शनिवार, अक्टूबर 19, 2024
सूर्योदय: 06:24
सूर्यास्त: 17:47
तिथि: द्वितीया – 09:48 तक
नक्षत्र: भरणी – 10:46 तक
योग: सिद्धि – 17:42 तक
करण: गर – 09:48 तक
द्वितीय करण: वणिज – 20:13 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: आश्विन
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: मेष – 16:10 तक
सूर्य राशि: तुला
आज का विचार
जो लोग परमात्मा तक पहुंचना चाहते हैं उन्हें वाणी, मन, इन्द्रियों की पवित्रता और एक दयालु ह्रदय की आवश्यकता होती है।
आज का भगवद् चिंतन
श्रेष्ठ कर्म करते रहें
सद्गुणों की सुगंधि वायु के बिना भी चारों ओर फैल जाती है। फूलों को कभी इत्र लगाने की आवश्यकता नहीं होती वो अपनी सुगंधी से स्वयं के साथ-साथ समस्त प्रकृति को सुगंधित करते हैं। अपने अच्छे कार्यों के लिए किसी से प्रमाणपत्र की आश मत रखो,आपके अच्छे कर्म ही स्वयं में सर्वश्रेष्ठ प्रमाणपत्र भी हैं। इत्र की सुगंध तो केवल हवा की दिशा में बहती है पर सद्गुणों की सुगंधी वायु के विपरीत अथवा सर्वत्र बहती है।
आपकी प्रशंसा तब नहीं होती जब आप चाहते हैं अपितु तब होती है, जब आप अच्छे कर्म करते हैं। पानी पीने से प्यास स्वतः बुझती है, अन्न खाने से भूख स्वतः मिटती है और औषधि खाने से आरोग्यता की प्राप्ति स्वतः हो जाती है। इसी प्रकार अच्छे कर्म करने से जीवन में श्रेष्ठता आती है और समाज में आपका सम्मान भी स्वतः बढ़ जाता है। अच्छा करो और भूल जाओ, समय आने पर प्रकृति फल स्वतः प्रदान कर देगी।