आज का पंचांग: जीवन की संतुष्टि

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज भाद्रपद की 10 गते है।

आज का विचार

यदि इन्सान अपने अंदर से दिखावटीपन को त्याग दे तो वह किसी भी इंसान के साथ मिलजुल कर रह सकता है। लोग अपने दुःख से कम दूसरों की खुशी से ज्यादा परेशान होते है ये मानव का स्वाभाव है।

आज का पंचांग

रविवार, अगस्त 25, 2024
सूर्योदय: 05:56 ए एम
सूर्यास्त: 06:50 पी एम
तिथि: सप्तमी – 03:39 ए एम, अगस्त 26 तक
नक्षत्र: भरणी – 04:45 पी एम तक
योग: ध्रुव – 12:29 ए एम, अगस्त 26 तक
करण: विष्टि – 04:30 पी एम तक
द्वितीय करण: बव – 03:39 ए एम, अगस्त 26 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: श्रावण
पूर्णिमान्त महीना: भाद्रपद
चन्द्र राशि: मेष – 10:29 पी एम तक
सूर्य राशि: सिंह

आज का भगवद् चिंतन

जीवन की संतुष्टि

निश्चित ही अपने जीवन में जो संतुष्ट है वह मुक्त भी है। संतुष्टि, व्यक्ति को जीते जी मुक्त करा देती है। संतों का मत है कि इच्छाओं का शेष रहना और श्वासों का खत्म हो जाना ही मोह एवं इच्छाओं का खत्म हो जाना और श्वासों का शेष रहना ही मोक्ष है। आपने अपना जीवन कितनी संतुष्टि में जिया यही आपकी मुक्ति का मापदंड भी है।

महापुरुषों का जीवन इसलिए सफल अथवा वंदनीय नहीं माना जाता कि उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है अपितु इसलिए सफल और वंदनीय माना जाता है, कि उन्होंने जो और जितना पाया है, बस उसी में संतुलन बनाना और संतुष्ट रहना सीख लिया है। संतुष्टि का अर्थ निष्क्रिय हो जाना नहीं अपितु अपेक्षा रहित परिणाम है। एक संतुष्ट जीवन ही एक सफल जीवन भी कहलाता है।

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