आज का पंचांग: संयम सुख का मूल

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आश्विन माह का चतुर्थी श्राद्ध है।

आज (21 सितंबर) पितृ पक्ष की चतुर्थी है। इस तिथि पर उन पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर्म करें, जिनकी मृत्यु किसी भी महीने की चतुर्थी तिथि पर हुई हो। पितृ पक्ष, चतुर्थी और शनिवार के योग में किए गए पूजा-पाठ, दान-पुण्य से अक्षय पुण्य मिलता है, ऐसा पुण्य जिसका असर जीवनभर बना रहता है।

चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणपति हैं, क्योंकि इसी तिथि पर उनका अवतार हुआ था। जो लोग गणेश जी को अपना आराध्य मानते हैं तो सालभर की सभी चतुर्थियों पर व्रत-उपवास करते हैं। एक साल में कुछ 24 चतुर्थियां आती हैं और जब किसी वर्ष में अधिकमास आता है तो इस तिथि की संख्या 2 बढ़कर 26 हो जाती है। चतुर्थी व्रत घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से किया जाता है।

आज शनिवार, पितृ पक्ष और चतुर्थी योग होने से शनिदेव की पूजा करने का महत्व और अधिक बढ़ गया है। शनिदेव को काले तिल, सरसों का तेल, काले-नीले कपड़े और फूल चढ़ाएं।

शनिवार को हनुमान जी की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। आप चाहें तो राम नाम का जप भी कर सकते हैं।

आज का विचार

कपड़े और चेहरे अक्सर झूठ बोला करते हैं, इंसान की असलियत तो वक्त बताता है। अच्छा इंसान मतलबी नही होता, बस दूर हो जाता है, उन लोगो से जिन्हें उसकी कद्र नही होती.।

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आज का भगवद् चिंतन

संयम सुख का मूल

जिसकी इंद्रियाँ वश में हैं, वही व्यक्ति सबसे सुखी भी है। व्यक्ति केवल पैरों से ही नहीं फिसलता है अपितु कानों से, आँखों से, जिह्वा से और मन से भी फिसल जाता है। स्वयं के पैरों को गलत दिशा में जाने से रोकना, कानों को गलत श्रवण से रोकना और आँखों को कुदृश्य देखने से रोकना, यह स्वयं के द्वारा स्वयं के विरुद्ध लड़ा जाने वाला संयम रुपी युद्ध ही तो है।

संयम मानवीय गुणों में एक प्रधान गुण है। पशुओं में इन्द्रिय निग्रह देखने को नहीं मिलता अर्थात् पशुओं में संयम नहीं होता है। संयम अर्थात् एक युद्ध, स्वयं के विरुद्ध। जिस जीवन में संयम नहीं वह जीवन पशु भले ना हो पर पशुवत अवश्य हो जाता है। असंयमितता जीवन को पतन की ओर ले जाती है। जीवन में संयमी और शुभ कार्यों में अग्रणी, यही तो महापुरुषों के लक्षण हैं।

आज का पंचांग

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शनिवार, सितम्बर 21, 2024
सूर्योदय: 06:09 ए एम
सूर्यास्त: 06:19 पी एम
तिथि: चतुर्थी – 06:13 पी एम तक
नक्षत्र: भरणी – 12:36 ए एम, सितम्बर 22 तक
योग: व्याघात – 11:36 ए एम तक
करण: बव – 07:40 ए एम तक
द्वितीय करण: बालव – 06:13 पी एम तक
क्षय करण: कौलव – 04:54 ए एम, सितम्बर 22 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: भाद्रपद
पूर्णिमान्त महीना: आश्विन
चन्द्र राशि: मेष – 06:09 ए एम, सितम्बर 22 तक
सूर्य राशि: कन्या

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