पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज देव उठनी एकादशी है।
आज के सुविचार
सुंदरता से ज्यादा महत्व सकारात्मक व्यक्ति और अच्छे विचारों का होता है। अगर कोई व्यक्ति दिखने में तो बहुत सुंदर है, लेकिन उसका व्यक्तित्व और विचार अच्छे नहीं हैं तो उसकी सुंदरता का महत्व खत्म हो जाता है। सुंदरता थोड़े समय के लिए आकर्षित कर सकती है, लेकिन जब बात लंबे समय तक रिश्ते निभाने की हो तो अच्छे विचारों को महत्व दिया जाता है।
यहां जानिए ऐसे ही कुछ और कोट्स…
आज का पंचांग
मंगलवार, नवम्बर 12, 2024
सूर्योदय: 06:42 ए एम
सूर्यास्त: 05:29 पी एम
तिथि: एकादशी – 04:04 पी एम तक
नक्षत्र: पूर्व भाद्रपद – 07:52 ए एम तक
क्षय नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद – 05:40 ए एम, नवम्बर 13 तक
योग: हर्षण – 07:10 पी एम तक
करण: विष्टि – 04:04 पी एम तक
द्वितीय करण: बव – 02:35 ए एम, नवम्बर 13 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: मीन
सूर्य राशि: तुला
आज का विचार
भ्रम हमेशा रिश्तों को बिखेरता है और प्रेम से अजनबी भी बंध जाते है। किसी के लिए समर्पण करना मुश्किल नहीं है, मुश्किल है उस व्यक्ति को ढूंढना जो आप के समर्पण की कद्र करें।
आज का भगवद् चिन्तन
प्रेरणा के भण्डार श्रीकृष्ण
यदि आपने कुछ श्रेष्ठ पाने की ठान ली तो बड़ी से बड़ी बाधाएं भी आपसे परास्त होकर चली जायेंगी ये भी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की प्रमुख सीखों में एक है। कारागार में जन्म लेने वाले कृष्ण यूँ ही द्वारिकाधीश नहीं बन जाते, उसके लिए पूतना, तृणावर्त, अघासुर, बकासुर, व्योमासुर, चारूण, मुष्टिक और कंस जैसी जीवन की तमाम प्रतिकूलताओं, विघ्न – बाधाओं और बवंडरों का सदैव डटकर सामना भी करना होता है।
जन्म भले कितनी ही प्रतिकूलताओं में हुआ हो लेकिन आपके सतत प्रयास और निरंतर कुछ श्रेष्ठ करने की चाह आपको सम्राट की पदवी पर आसीन कर देती है। आपका लक्ष्य श्रेष्ठ है तो आपके प्रयास भी अतिश्रेष्ठ होने चाहिए। दृढ़ इच्छाशक्ति, उच्च आत्मबल और समर्पित भाव से अपने लक्ष्य की ओर निरंतर गति ही कारागार में जन्में उन श्रीकृष्ण की तरह हमें भी जीवन की तमाम समस्याओं से उभर कर द्वारिकाधीश बनने की प्रेरणा प्रदान करती है।