पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
कहते हैं दुनिया में 75% से अधिक लोग ऐसे हैं, जो दिन भर में दो बार झूठ बोल जाते हैं। अनेक लोग ऐसे हैं जो झूठ बोलना नहीं चाहते पर मुंह से निकल जाता है। दरअसल झूठ को समझना हो, तो पहले सत्य को जानना पड़ेगा।
अब सत्य की क्या परिभाषा है? एक का सत्य, दूसरे का असत्य हो सकता है। पिता का सत्य ये है कि बच्चे शाम को समय पर घर आएं। बच्चों का सत्य ये है कि यही तो उम्र है घूमने की। सत्य की सीधी-सी परिभाषा है कि जब हम मन, वचन, कर्म में एक हो जाते हैं, तब सत्य उतरता है, और इसका ठीक उल्टा झूठ है।
श्री राम भरत को समझाते हुए, दुष्ट लोगों की व्याख्या कर रहे थे। और उसमें उन्होंने कहा, ‘झूठइ लेना झूठइ देना, झूठइ भोजन झूठ चबेना।’ उनका झूठा ही लेना और झूठा ही देना होता है। वो भोजन भी झूठ का करते हैं, और झूठइ चबेना, यानी झूठ की आड़ में बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं।
श्रीराम झूठे लोगों को पसंद नहीं करते हैं। अब हमें तय करना है कि यदि हम श्रीराम के भक्त हैं, तो हमें जिन-जिन बातों से खुद को बचाना है, उसमें से एक झूठ भी है। कुछ झूठ तो हम ऐसे बोलते हैं, शायद कोई मशीन नहीं पकड़ पाए। लेकिन दो लोग तो हमारे झूठ को जानते हैं, एक हम और एक हमारा भगवान।
🌅 सूर्योदय एवं चंद्रोदय
सूर्योदय | 06:18 पूर्वाह्न |
सूर्यास्त | 06:01 अपराह्न |
चंद्रोदय | 09:00 पूर्वाह्न |
चंद्रास्त | 10:49 अपराह्न |
🗓️ पंचांग
तिथि | पंचमी ⏳ 03:16 PM तक |
नक्षत्र | भरणी ⏳ 02:37 AM, मार्च 05 तक |
षष्ठी | |
कृतिका | |
योग | इन्द्र ⏳ 02:07 AM, मार्च 05 तक |
करण | बलवा ⏳ 03:16 PM तक |
वैधृति | |
कौलव ⏳ 02:01 AM, मार्च 05 तक | |
काम करने के दिन | मंगलावाड़ा |
शीर्षक | |
पक्ष | शुक्ल पक्ष |
🌕 चन्द्र मास, संवत एवं बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2081 पिंगला |
संवत्सर | पिंगला ⏳ 02:14 PM, अप्रैल 29, 2024 तक |
शक संवत | 1946 क्रोध |
कलायुक्त | |
गुजराती संवत | 2081 नाला |
चन्द्रमासा | फाल्गुन – पूर्णिमांत |
दायाँ/गेट | 21 |
फाल्गुन – अमंता |
♓ राशि और नक्षत्र
राशि | मेशा |
नक्षत्र पद | भरणी ⏳ 09:59 AM तक |
सूर्य राशि | कुम्भ |
भरणी ⏳ 03:31 PM तक | |
सूर्य नक्षत्र | शतभिषा ⏳ 06:49 PM तक |
भरणी ⏳ 09:03 PM तक | |
पूर्वा भाद्रपद | |
भरणी ⏳ 02:37 AM, मार्च 05 तक | |
सूर्य पद | शतभिषा ⏳ 06:49 PM तक |
कृतिका | |
पूर्वा भाद्रपद |
आज का विचार
हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है। शब्द गौण हैं, विचार मुख्य हैं और उनका असर दूर तक होता हैं.!!
आज का भगवद् चिन्तन
भगवद् आश्रय में रहें
आप जैसे भी रहें बस प्रभु के बनकर प्रभु शरणागत रहें, यही जीवन आनंद का मार्ग है। अपने आप को सदैव प्रभु का अंश समझते हुए आनंदित रहकर जीवन जीने का अभ्यास करना चाहिए। अपनी मानते ही वस्तु अशुद्ध हो जाती है एवं भगवान की मानते ही वह शुद्ध और भगवद् स्वरुप हो जाती है। इसी तरह अपने आपको भी भगवान से दूर और पृथक मानते ही आप अशुद्ध हो जाते हैं।
प्रत्येक पल भगवान का स्मरण करो और उन्हें अपना मानो, इससे भगवद् चरणों में प्रीति उत्पन्न हो जाएगी। भगवान का हृदय से आश्रय करते ही भगवदीय गुण भी स्वतः प्रगट होने लगते हैं।छोटा बालक माँ -माँ करता है। उसका लक्ष्य, उसका ध्यान और उसका विश्वास माँ शब्द पर नहीं होता अपितु माँ के सम्बन्ध पर होता है। सामर्थ्य माँ शब्द में नहीं, माँ के सम्बन्ध में है। इसी प्रकार सामर्थ्य भगवान के सम्बन्ध में है। प्रत्येक परिस्थिति में भगवद् चरणों का आश्रय जीव को निर्भयता प्रदान कर देता है।